देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमंडल (कैबिनेट) बैठक में आठ विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कैबिनेट ने उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली 2021 के संशोधन को मंजूरी दी है। जिसके अनुसार, केन्द्र सरकार के दिशा निदेर्शों में राज्य के समस्त मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में उच्चीकृत किया जाना है, ऐसे में मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ती से सुपरवाइजर पद पर होने वाले पदोन्नति के 10 प्रतिशत कोटा को भी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री के पदोन्नति कोटे में शामिल करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्त्री के पदोन्नति कोटे को 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है।
कैबिनेट के बाद उसके निर्णयों की जानकारी संवाददाताओं को मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगौली ने दी। उन्होंने बताया कि रायपुर एवं उसके समीप क्षेत्रों के अंतर्गत, जहां विधानसभा परिसर प्रस्तावित है, उस क्षेत्र के फ्रिज जोन में आंशिक संशोधन करते हुए इन क्षेत्रों में छोटे घरों (लो डेंसिटी हाउसों) और छोटी दुकानों के निर्माण की अनुमति दे दी है। जिसके मानक आवास विकास विभाग के द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। कैबिनेट ने इसके अलावा, कैबिनेट ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की सेवा नियमावली में संशोधन की मंजूरी दी है।
जिसमें अब स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के 5 साल की संतोषजनक सेवा के बाद एक स्थान से दूसरे स्थान तक अपने जीवनकाल में एक बार पारस्परिक स्थानांतरण को अनुमति दी जाएगी। नए स्थान में जाने पर अपने नए जनपद के कैडर के अंतर्गत यह सबसे जूनियर होंगे। इसके अलावा रिक्त पद उपलब्ध होने पर पहाड़ से पहाड़ में एवं मैदानी जनपदों से पर्वतीय जनपदों में स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिसके लिए मानक विभाग द्वारा तैयार किए जाएंगे। श्री बगौली ने बताया कि समान नागरिक संहिता के अंतर्गत होने वाले ऑनलाइन विवाह पंजीकरण में संशोधन को भी मंजूरी प्रदान करते हुए इसमें पंजीकरण के लिए आधार कार्ड की व्यवस्था रखी गई है।
क्योंकि उत्तराखंड प्रदेश में नेपाली भूटानी एवं तिब्बती मूल के लोगों से भी शादी होती है। ऐसे में आधार के अलावा अब नेपाल, भूटान के नागरिकों को नेपाली एवं भूटानी नागरिकता प्रमाण पत्र, एवं 182 दिनों से अधिक के प्रवास के लिए भारत में नेपाली मिशन/रॉयल भूटानी मिशन द्वारा जारी प्रमाणपत्र एवं तिब्बती मूल के व्यक्तियों के लिए विदेशी पंजीकरण अधिकारी द्वारा जारी वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र को अनुमन्य किया जाएगा।
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