
मुंबई : चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है. 72 साल के एक कारोबारी को ठगों ने 58 करोड़ रूपये का चूना लगा दिया. ठगों ने खुद को ईडी और सीबीआई (CBI) के अधिकारी बताकर बुजुर्ग कारोबारी को यह विश्वास दिलाया कि उनका नाम एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में सामने आया है.रिपोर्ट के मुताबिक यह ठगी 19 अगस्त से 8 अक्टूबर के बीच की गई, जब आरोपियों ने कारोबारी और उनकी पत्नी को वीडियो कॉल के ज़रिए 'डिजिटल अरेस्ट' में रखा. आरोपी लगातार कॉल पर बने रहे और डर का माहौल बनाकर कारोबारी से कई चरणों में 58 करोड़ अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए.बाद में जब पीड़ित को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है, तो उसने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. महाराष्ट्र साइबर विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की और 18 बैंक खातों की वित्तीय जांच की. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन खातों को फ्रीज करवाया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अब्दुल खुबली (47, मालाड निवासी), अर्जुन कदवसरा (55) और जेतराम (35) के रूप में हुई है, जो मुंबई सेंट्रल के रहने वाले हैं. आरोपियों से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं.पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह देश में किसी व्यक्ति से जुड़ा सबसे बड़ा ‘डिजिटल अरेस्ट’ फ्रॉड केस माना जा रहा है. फिलहाल आरोपियों से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि रकम किन-किन खातों में ट्रांसफर की गई और इसमें कोई विदेशी कनेक्शन तो नहीं है.पुलिस ने बताया कि मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आईटी एक्ट के तहत दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने आम जनता को चेतावनी दी है कि किसी भी सरकारी एजेंसी के नाम पर धमकाने वाले कॉल या वीडियो कॉल को गंभीरता से न लें और तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें.
You may also like
धमतरी : भारत आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहा है : टंकराम वर्मा
रांची नगर निगम और पुलिस ने सदर अस्पताल के आसपास चलाया अतिक्रमण हटाओ अभियान
एकता कपूर कलयुग की मीरा हैं 49 की होने के` बावजूद इस एक्टर की वजह से आज तक नहीं की शादी
किडनी की पथरी हो या फिर किडनी को नया जीवन` देना हो, सबसे आसान और कारगर घरेलु उपाय
पंजाब: सीबीआई ने आईपीएस के घर से बरामद किए 5 करोड़ नकद व गहने