मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (उदयपुर) की कुलपति प्रोफेसर सुनीता मिश्रा के बयान पर विवाद गहरा गया है। कुलपति के "औरंगज़ेब वाले बयान" का मुद्दा भीलवाड़ा में भी गूंज रहा है। भीलवाड़ा में एक कार्यक्रम के दौरान कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीपी सारस्वत ने भी अपनी आपत्ति जताई। कुलपति सारस्वत भूगोल परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर भीलवाड़ा में थे। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रोफेसर सुनीता मिश्रा के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा, "प्रोफेसर सुनीता मिश्रा को न केवल अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए, बल्कि इस्तीफा देकर खेद भी व्यक्त करना चाहिए।"
कुलपति का बयान मेवाड़ का अपमान - प्रोफेसर सारस्वत
प्रोफेसर सारस्वत ने कुलपति सुनीता मिश्रा के बयान को मेवाड़ का अपमान बताया। कुलपति प्रोफेसर सारस्वत ने कहा कि औरंगज़ेब एक आक्रमणकारी था और उसने तलवार के बल पर लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया। विवादास्पद बयान के चलते कुलपति सुनीता मिश्रा को 30 दिन की छुट्टी पर भेज दिया गया है।
12 सितंबर को दिया बयान, फिर हुआ हंगामा
इसी महीने की 12 सितंबर को गुरुनानक कॉलेज में आयोजित एक सेमिनार में औरंगज़ेब को एक कुशल प्रशासक बताने के बाद, पूरे मेवाड़ में प्रोफ़ेसर सुनीता मिश्रा के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। मामला बढ़ने पर सुनीता मिश्रा ने माफ़ी मांगी थी। हालाँकि, छात्रों की मांग है कि सिर्फ़ माफ़ी ही काफ़ी नहीं है; उन्हें उनके पद से हटाया जाना चाहिए।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र भी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एबीवीपी का कहना है कि छात्रों को छुट्टी पर भेजना अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मांग नहीं थी। हमारी एकमात्र मांग है कि कुलपति प्रोफ़ेसर सुनीता मिश्रा को पद से हटाया जाए। तभी विरोध प्रदर्शन समाप्त होगा और विश्वविद्यालय के कॉलेज फिर से खुलेंगे।
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