Next Story
Newszop

हनुमान बेनीवाल ने 13 मई तक धरना किया स्थगित, देखे विडियो

Send Push

राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में हुए कथित घोटालों और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पुनर्गठन की मांग को लेकर धरने पर बैठे नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार देर शाम अपना आंदोलन अस्थाई रूप से स्थगित करने की घोषणा कर दी है। उन्होंने सरकार को 13 मई तक का समय दिया है ताकि मांगों पर ठोस कार्रवाई की जा सके।

हनुमान बेनीवाल पिछले कुछ दिनों से राजधानी जयपुर में शहीद स्मारक पर अनशन और धरने पर बैठे थे। उनकी प्रमुख मांगों में आरपीएससी के पुनर्गठन, हालिया परीक्षा घोटालों की सीबीआई जांच, और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई शामिल हैं। बेनीवाल ने आरोप लगाया कि आयोग भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है और जब तक इसमें आमूलचूल सुधार नहीं होता, तब तक युवाओं का भविष्य अधर में रहेगा।

धरना स्थल पर गुरुवार को देर शाम उन्होंने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "हमने सरकार को पर्याप्त समय दिया है, अब निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए। 13 मई तक अगर हमारी मांगों पर गंभीरता से कोई निर्णय नहीं लिया गया तो हम फिर से सड़कों पर उतरेंगे और यह आंदोलन व्यापक रूप लेगा।"

बेनीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन केवल राजनीतिक नहीं बल्कि लाखों बेरोजगार युवाओं के भविष्य से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि परीक्षा लीक, पेपर रद्द और चयन प्रक्रियाओं में अनियमितता से प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है। "RPSC जैसे संवैधानिक संस्थान को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त किया जाना चाहिए और पारदर्शिता के लिए इसमें संरचनात्मक सुधार आवश्यक हैं," उन्होंने जोड़ा।

राज्य सरकार की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री कार्यालय आंदोलन को लेकर गंभीर है और उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है। संभवतः जल्द ही इस विषय में कोई औपचारिक वार्ता की जा सकती है।

इस बीच, कई सामाजिक संगठनों, छात्र संघों और बेरोजगार युवाओं ने बेनीवाल के आंदोलन को समर्थन दिया है। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा व्यापक रूप से छाया रहा, जहां #RPSCReform और #JusticeForAspirants जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बेनीवाल ने इस मुद्दे पर जनभावनाओं को भली-भांति समझते हुए समय पर दबाव बनाया है। अब सबकी निगाहें 13 मई पर टिकी हैं — क्या सरकार मांगों को मानती है या यह आंदोलन और तेज़ होगा?

Loving Newspoint? Download the app now