देवनगरी दौसा के मिनी पुष्कर कहे जाने वाले गेटोलाव धाम की खूबसूरती में अब चार चांद लगेंगे। राजस्थान सरकार ने यहां सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्य के लिए 2.19 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। गौरतलब है कि गेटोलाव में प्राकृतिक सुंदरता का नजारा लोगों को अभिभूत कर देता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से यह स्थान प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। हालांकि, मौसम की मेहरबानी के चलते झील में पानी भरा रहता है, बड़ी संख्या में लोग यहां प्रकृति के नजारे का आनंद लेने आते हैं, लेकिन सुविधाओं का अभाव आड़े आता है।
अब जबकि सरकार ने राशि स्वीकृत कर दी है, तो विकास की गति और तेज होगी। साथ ही, इस बार मानसून के आगमन के साथ ही गेटोलाव धाम की खूबसूरती भी लोगों को लुभा रही है। रोजाना सैकड़ों लोग यहां हरियाली के बीच ताजगी का आनंद उठा रहे हैं। साथ ही झील में मौजूद मछलियों को आटे की गोलियां खिलाकर पुण्य भी कमा रहे हैं। गत दिवस यहां योगाभ्यास के लिए आए कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने भी प्रकृति के सुंदर नजारे की प्रशंसा की तथा जिला प्रशासन को सुधार के लिए आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही घाट पर जाकर मछलियों को आटे की गोलियां खिलाई।
सड़क के लिए भी राशि स्वीकृत
दौसा-लालसोट हाईवे के निकट स्थित होने तथा प्राकृतिक सौंदर्य के कारण गेटोलाव की अलग पहचान है। वर्तमान सरकार ने गेटोलाव धाम क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को 11 लाख रुपए भी स्वीकृत किए हैं। साथ ही अब राजस्थान शहरी पेयजल सीवरेज एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के माध्यम से अमृत योजना 2.0 के तहत गेटोलाव के सौंदर्यीकरण एवं पुनर्निर्माण कार्य के लिए 2.19 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई है। इसके तहत गेटोलाव के सौंदर्यीकरण के साथ नए कार्य भी किए जाएंगे। 'पक्षी आश्रयणी' के रूप में मिली पहचान
पूर्व विधायक शंकर शर्मा ने बताया कि गेटोलाव धाम की धार्मिक मान्यता और प्रसिद्धि के कारण विधायक कार्यकाल में इस स्थान का विकास हुआ और इसे प्रदेश में 'पक्षी आश्रयणी' के रूप में पहचान मिली। राज्यसभा सांसद, स्थानीय विधायक कोष, जल संसाधन विभाग, नगर परिषद, जिला प्रशासन दौसा के साथ आमजन की सहभागिता और श्रमदान से इसे यह स्वरूप मिला, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार में उपेक्षा के कारण इसे अव्यवस्थाओं का शिकार होना पड़ा। अब भाजपा सरकार ने फिर से धन स्वीकृत कर गेटोलाव धाम की सुध ली है।
जानिए गेटोलाव धाम से जुड़ी 5 खास बातें
1. दौसा जिले में स्थित गेटोलाव धाम एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है।
2. यह स्थान इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय के जीवन से जुड़ा है। क्योंकि महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय का जन्म वर्ष 1688 में दौसा में हुआ था। कहा जाता है कि उन्होंने शुरुआती दिनों में यहां समय बिताया था।
3. गेटोलाव धाम में दादू दयाल महाराज और संत सुंदरदास के मंदिर हैं। 4. गेटोलाव धाम को मिनी पुष्कर और पक्षी अभ्यारण्य के नाम से भी जाना जाता है। 5. गेटोलाव धाम में एक खूबसूरत तालाब है, जहां लोग मछलियों को दाना डालने और घूमने आते हैं।
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