पाकिस्तान की नापाक हरकतों को देखते हुए भरतपुर प्रशासन ने आरबीएम अस्पताल में आईसीयू बेड की संख्या बढ़ा दी है। इसके साथ ही अस्थाई वार्ड की भी व्यवस्था की गई है। सभी मेडिकल छात्रों को आपदा की स्थिति के लिए अलर्ट कर दिया गया है। इसके अलावा सभी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और सभी को मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
पीएमओ नागेंद्र भदौरिया ने बताया कि आरबीएम अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था की गई है। सभी डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। सभी को मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। आईसीयू बेड की संख्या भी बढ़ा दी गई है। वर्तमान में 38 आईसीयू बेड हैं। सभी बेड वेंटिलेटर युक्त हैं। इसके अलावा अस्थाई वार्ड की भी व्यवस्था की गई है। यलो जोन के लिए 20 बेड की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही अन्य श्रेणियों में भी बेड की व्यवस्था की गई है। अस्पताल में निर्माण कार्य चल रहा था।
जिसके चलते अस्पताल का पिछला हिस्सा उपयोग में आ रहा था। जिसके चलते हमारे पास एंबुलेंस के लिए रास्ता नहीं था। इसलिए एंबुलेंस के लिए अस्थाई रास्ता बनाया गया है। जो आज शाम तक बनकर तैयार हो जाएगी। अगर बहुत सारी एंबुलेंस आ जाएंगी तो कोई दिक्कत नहीं होगी। हम आसानी से कैजुअल्टी केस ले सकेंगे और उनका इलाज कर सकेंगे। नर्सिंग कॉलेज के 400 छात्र, एमबीबीएस के 750 छात्र, 150 छात्र इंटर्नशिप में हैं, ये सभी छात्र आपदा के समय काम करेंगे। सारी व्यवस्थाएं बता दी गई हैं।
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