बाड़मेर के पूर्व सांसद और किसान नेता कर्नल सोना राम चौधरी (85 वर्ष) का बुधवार देर रात दिल्ली के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ में किया जाएगा।
कर्नल सोना राम चार बार सांसद और एक बार विधायक रहे थे
कर्नल सोना राम चार बार सांसद और एक बार विधायक रहे थे। उन्हें पश्चिमी राजस्थान के शीर्ष नेताओं में से एक माना जाता था। जानकारी के अनुसार, उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रात 11 बजे के बाद इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
आज जैसलमेर के मोहनगढ़ में होगा अंतिम संस्कार
उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को एयर एम्बुलेंस से बाड़मेर लाया जाएगा। वहाँ से पार्थिव शरीर को बाड़मेर स्थित उनके आवास पर दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद पार्थिव शरीर को जैसलमेर के मोहनगढ़ ले जाया जाएगा। वहाँ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
कर्नल सोना राम का इतिहास
कर्नल सोना राम जाट समुदाय के एक बड़े नेता थे। राजस्थान की राजनीति में उनका एक जाना-माना नाम था। उनका जन्म 31 मार्च 1945 को हुआ था। भारतीय सैन्य अकादमी से पासआउट सोनाराम ने 1971 के युद्ध में भी हिस्सा लिया था। पहले कांग्रेस के साथ राजनीति करने वाले सोनाराम 2014 में भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा के कद्दावर नेता जसवंत सिंह ने भाजपा छोड़कर बाड़मेर से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन मोदी लहर में सोनाराम चुनाव जीत गए थे।
साल 2023 में कमल को अलविदा कह हाथ थामा
चार बार सांसद रहने के बाद कर्नल का भाजपा से मोहभंग हो गया। 2023 के विधानसभा चुनाव में कर्नल ने एक बार फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया। वह 1996, 1998, 1999 और 2014 में बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद रहे। इसके अलावा, वह 2008 से 2013 तक विधानसभा के सदस्य भी रहे। कर्नल 2004 में मानवेंद्र सिंह जसोल से चुनाव हार गए थे। कर्नल ने 2014 में कांग्रेस को अलविदा कह दिया और भाजपा में शामिल हो गए। वह 2014 में भाजपा से सांसद बने। वर्ष 2023 में उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर गुड़ामालानी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा।
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