डूंगरपुर में नगर परिषद बोर्ड और परिषद अधिकारियों-कर्मचारियों के बीच समन्वय की कमी के बावजूद, डूंगरपुर पाँचवीं बार स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल रहा है। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के परिणाम घोषित किए गए। डूंगरपुर शहर सुपर स्वच्छ लीग सिटी अवार्ड पाने में कामयाब रहा है।
यह पुरस्कार 17 जुलाई को विज्ञान भवन में दिया जाएगा
नगर परिषद स्वच्छता सर्वेक्षण समन्वयक सहायक अभियंता भक्तेश पाटीदार ने बताया कि डूंगरपुर शहर को 50 हजार की जनसंख्या श्रेणी में राज्य में सुपर स्वच्छ लीग सिटी अवार्ड के लिए नामांकित किया गया है। यह पुरस्कार 17 जुलाई को विज्ञान भवन में अध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में दिया जाएगा। सुपर स्वच्छ लीग सिटी का पुरस्कार सभापति अमृतलाल कलासुआ, उपसभापति सुदर्शन जैन, सहायक अभियंता भक्तेश पाटीदार, लोकेश पाटीदार को दिया जाएगा और नगर परिषद की टीम दिल्ली जाएगी।
सबक सीखने की ज़रूरत है
स्वच्छता सर्वेक्षण में हम भले ही अव्वल आए हों। लेकिन, यह आत्ममंथन का भी समय है। शहर में पिछले वर्षों की तुलना में स्वच्छता में निश्चित रूप से गिरावट आई है। स्वच्छता का मतलब सिर्फ़ नालियों से कचरा और सड़कों से मलबा हटाना ही नहीं है। शहर की स्वच्छता का मतलब शहर का सौंदर्यीकरण भी है। शहर का एक भी मोहल्ला ऐसा नहीं है जहाँ सीवरेज और जल जीवन मिशन के कार्यों के कारण कीचड़ न फैला हो। शहर के कई मोहल्ले गाँवों से भी बदतर हैं। कुछ सफाई कर्मचारी ज़रूर पूरी ईमानदारी से अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। लेकिन, वार्डवासियों को याद नहीं कि उन्होंने कब स्वच्छता दूत देखे हों।
स्वच्छ-हरित शहर का दबदबा कायम
डूंगरपुर शहर पिछले आठ-नौ वर्षों से स्वच्छ और हरित शहर के रूप में अपना दबदबा बनाए हुए है। स्वच्छता के प्रति आम जनता की जागरूकता ही इसे हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण में पुरस्कार दिला रही है। इसमें परिषद के सफाई कर्मचारियों की मेहनत साफ़ दिखाई देती है। शहर में पुरुषों और महिलाओं की एक टीम तैनात रहती है, जो पूरे दिन और आधी रात तक सड़कों पर सफाई की कमान संभालती है।
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