रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके कारण कई बाघ अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं। ऐसी ही एक घटना हाल ही में रणथंभौर नेशनल पार्क के जोन नंबर दो में देखने को मिली, जहां बाघिन नूरी और बाघिन एरोहेड की बेटी के बीच भीषण लड़ाई हुई। दोनों के बीच भीषण लड़ाई हुई, जिसमें बाघिन नूरी एरोहेड की बेटी को मार सकती थी। लेकिन तभी बाघ टी 120 ने आकर एरोहेड की बेटी को बचा लिया।
वीडियो हुआ वायरल
कई पर्यटकों ने इस नजारे को अपने कैमरों में कैद किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह घटना 16 मई की शाम को रणथंभौर नेशनल पार्क के जोन नंबर 2 के अमराई वन क्षेत्र में हुई। जहां अन्य बाघों के सामने उप-वयस्क एरोहेड की बेटी का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है।
रणथंभौर में 80 से अधिक बाघ-बाघिनें
रणथंभौर में इस समय 80 से अधिक बाघ, बाघिन और शावक हैं, जिसके चलते कई बार इलाके को लेकर बाघों के बीच टकराव हो जाता है। कई बार आपसी संघर्ष में कमजोर बाघ की मौत भी हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार रणथंभौर में शावकों की संख्या इस समय 26 से 30 के बीच है, जिनमें से कई शावक जवानी की दहलीज पर कदम रख चुके हैं।
युवा बाघों को चाहिए अपना इलाका
युवा हो रहे शावक अब अपने लिए अलग इलाका तलाश रहे हैं, जिसके चलते जब कोई युवा बाघ अपना नया इलाका बनाता है तो उस इलाके में पहले से रह रहे बाघों से उसका टकराव हो जाता है। आपसी संघर्ष में मजबूत बाघ जीत जाता है और कमजोर बाघ को अपना इलाका छोड़कर भागना पड़ता है।
बढ़ती मानवीय गतिविधियां और सिकुड़ते जंगल
रणथंभौर में बाघों की बढ़ती संख्या और पार्क में बढ़ती मानवीय गतिविधियां तथा सिकुड़ते जंगल भी बाघों के बीच संघर्ष का एक बड़ा कारण हैं, जिसे रोकना वन विभाग के लिए कड़ी चुनौती है। वन विभाग को इस समस्या के समाधान के लिए सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि बाघों के बीच संघर्ष को रोका जा सके और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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