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राजस्थान में बीजेपी विधायक का प्रशासन पर फूटा गुस्सा, डिप्टी एसपी के पेअर पड़ते हुए CI पर लगाए गंभीर आरोप

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बांसवाड़ा के गढ़ी थाने में भाजपा विधायक कैलाश मीणा द्वारा डीएसपी सुदर्शन पालीवाल के पैर छूने का वीडियो वायरल हो रहा है। विधायक ने एसएचओ रोहित कुमार पर बजरी माफिया से मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अवैध बजरी खनन और परिवहन रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

सूचना मिलने पर गढ़ी डीएसपी सुदर्शन पालीवाल भी गढ़ी थाने पहुंचे। वे विधायक को अंदर ले गए। इसके बाद विधायक भड़क गए और डीएसपी के सामने ही सीआई से कहा कि तुमने थाने को धर्मशाला बना रखा है। अपना काम ठीक से करो, वरना कपड़े उतरवा दूंगा। बजरी और भू-माफिया थानों में बैठाए रहते हैं। पैसे लेते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती। अगर विधायक की सुनवाई नहीं हो रही तो आम आदमी की कौन सुनेगा? उन्होंने डीएसपी से कहा कि अगर आप नहीं आते तो आज उन्हें बिना कपड़ों के ही घर जाना पड़ता।

विधायक ने दो लंबित मामलों में कार्रवाई की गुहार लगाते हुए डीएसपी के पैर छुए। जिससे मामला और चर्चा में आ गया। उन्होंने स्थानीय समस्याओं के प्रति सीआई के रवैये को दर्शाने के लिए यह कदम उठाया। डीएसपी और थानाधिकारी की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

मुख्यमंत्री आँखें मूंदकर बैठे हैं - डोटासरा

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए पोस्ट किया कि 'भाजपा सरकार में न तो सुशासन है, न ही जनप्रतिनिधियों का सम्मान। बेखौफ माफियाओं के आगे कानून निष्प्रभावी हो गया है। सत्ताधारी दल के विधायकों की ऐसी लाचारी पहले कभी नहीं देखी गई। अगर विधायक की ही सुनवाई नहीं हो रही, तो आम आदमी की कौन सुनेगा?' उन्होंने आगे लिखा कि 'यह बात विपक्ष नहीं, बल्कि सत्ताधारी दल भाजपा के गढ़ी विधायक थाने में बैठकर गिड़गिड़ाते हुए कह रहे हैं। सरकार और पुलिस प्रशासन के संरक्षण में बजरी और भू-माफियाओं का राज चल रहा है। पूरे प्रदेश में माफियाओं का आतंक फैला हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री आँखें मूंदकर बैठे हैं।'

दोनों मामले लंबित...

-31 मई को गढ़ी के पूर्व मंडल अध्यक्ष शांतिलाल लबाना के पोते और एक युवती का शव गामेन पुलिया के पास फंदे से लटका मिला था। आरोप है कि पुलिस ने दोनों को आत्महत्या के लिए उकसाया था। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से विधायक नाराज थे।

-बेड़वा पंचायत में वर्ष 2022 में पटवारी निखिल गरासिया ने धोखाधड़ी कर पीड़ित पवन बामनिया की दादी के नाम की जमीन भैरा पुत्र रावजी निवासी मड़कोला के नाम कर दी। एक साल बाद भैरा ने भूमाफिया तनुज पंड्या के माध्यम से जमीन थावरचंद, राहुल पुलिसवाला और वीरचंद के नाम करवा ली। जबकि दादी की मृत्यु 2020 में हो चुकी थी। 2022 में उनके नाम पर अंगूठे का निशान ले लिया गया। पीड़ित के पास मृत्यु प्रमाण पत्र भी है। कई बार थानाधिकारी से शिकायत की, लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ। बल्कि पीड़ित के खिलाफ ही झूठा मामला दर्ज कर उसे दिनभर थाने में बैठाए रखा गया।

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