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मान सागर झील के बीचोंबीच बसा जलमहल, वायरल डॉक्यूमेंट्री में जानिए वो रोचक तथ्य जिनके कारण हर साल लाखो सैलानी खिंचे चले आते है यहां

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राजस्थान की राजधानी जयपुर यूं तो अपनी राजसी विरासत और भव्य महलों के लिए दुनियाभर में मशहूर है, लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी संरचना भी है जो पानी के बीचोबीच रहकर भी शांति, रहस्य और सौंदर्य की अद्भुत मिसाल पेश करती है – जलमहल। मान सागर झील के बीच स्थित यह महल न सिर्फ स्थापत्य की दृष्टि से आश्चर्यजनक है, बल्कि इसके पीछे छिपी कहानियाँ और तकनीकी चमत्कार इसे पर्यटकों की पहली पसंद बना देते हैं।


पानी के ऊपर नहीं, पानी के अंदर बसा महल

जलमहल को देखकर पहली नज़र में यही लगता है कि यह महल पानी के ऊपर तैर रहा है, लेकिन हकीकत इससे भी ज्यादा दिलचस्प है। इस पांच मंजिला महल की सिर्फ एक मंजिल ही पानी के ऊपर नजर आती है, बाकी चार मंजिलें झील के जलस्तर के नीचे स्थित हैं। सवाल उठता है कि कैसे ये चार मंजिलें इतने वर्षों तक पानी में रहकर भी सुरक्षित हैं? यही रहस्य और जिज्ञासा पर्यटकों को यहां खींच लाती है।

आधुनिक इंजीनियरिंग से भी आगे है इसका निर्माण
जलमहल का निर्माण 18वीं सदी में महाराजा माधो सिंह ने करवाया था। हालांकि यह मूल रूप से शिकारगाह (हंटिंग लॉज) के रूप में उपयोग में लाया गया था, लेकिन इसकी दीवारों और नींव में इस्तेमाल की गई तकनीक आज के आधुनिक इंजीनियरिंग को भी हैरान कर देती है। पानी में डूबी मंजिलें पूरी तरह से सील हैं, जिससे अंदर पानी प्रवेश नहीं कर सकता। यही तकनीकी दक्षता इसे समय से परे एक अजूबा बनाती है।

शानदार राजस्थानी और मुग़ल स्थापत्य का मिश्रण
जलमहल की वास्तुकला में राजस्थानी और मुग़ल शैली की स्पष्ट झलक मिलती है। लाल बलुआ पत्थर से निर्मित इस महल की छतरियां, मेहराबें और नक्काशी हर कोण से देखने पर अलग ही दृश्य प्रस्तुत करती हैं। इसकी ऊपरी छत पर लगीं चारों कोनों पर अष्टकोणीय छतरियां और बीच में एक बड़ी बंगाली शैली की छत इसे अद्वितीय बनाती हैं।

पक्षी प्रेमियों और फोटोग्राफरों का स्वर्ग
मान सागर झील में आने वाले विभिन्न प्रवासी पक्षी जैसे ग्रे हेरॉन, पेलिकन, पिंटेल, और किंगफिशर यहां पक्षी प्रेमियों के लिए एक खास अनुभव प्रदान करते हैं। साथ ही सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जलमहल के प्रतिबिंब वाला दृश्य फोटोग्राफरों के लिए किसी जादुई फ्रेम से कम नहीं होता। कई शादियों, फिल्मों और एड शूट्स की पसंदीदा लोकेशन बन चुका है ये स्थल।

रात का दृश्य: रहस्यमयी और मंत्रमुग्ध कर देने वाला
दिन के समय जलमहल की खूबसूरती भले ही साफ नजर आती हो, लेकिन रात में जब इसे लाइटिंग से सजाया जाता है, तब यह किसी परी कथा के महल जैसा प्रतीत होता है। दूर से देखने पर यह जल में तैरती एक अद्भुत संरचना लगती है, जो मानो चाँदनी रात में खुद चाँद की तरह चमक रही हो।

पर्यावरण संरक्षण और पुनर्निर्माण का उदाहरण
एक समय था जब मान सागर झील प्रदूषण की चपेट में थी, लेकिन जलमहल परियोजना के तहत हुए संरक्षण और पुनर्निर्माण कार्यों ने इसे फिर से जीवनदान दिया। झील की सफाई, जल जीवन की बहाली और जलमहल की मरम्मत ने इसे न केवल एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में पुनर्जीवित किया, बल्कि स्थानीय इकोसिस्टम को भी मजबूती दी।

पर्यटन और लोकल इकॉनॉमी में योगदान
जलमहल के आस-पास बने हैंडीक्राफ्ट बाजार, लोक कलाकारों के कार्यक्रम, और स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका का भी अहम साधन बन चुके हैं। सरकार द्वारा विकसित किए गए इस क्षेत्र ने पर्यटन उद्योग में बड़ा योगदान दिया है।

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