बहुचर्चित एकल पट्टा मामले में पूर्व नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी जीएस संधू व अन्य की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाईकोर्ट 14 मई से इनकी याचिकाओं पर रोजाना सुनवाई करेगा। इन पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार अब धारीवाल व अन्य आरोपियों के खिलाफ पक्ष रखेगी। सोमवार को सरकार ने कोर्ट की अनुमति से केस निरस्त करने के लिए दायर पुनरीक्षण याचिका वापस ले ली, जबकि पक्षकार बनाए जाने के अनुरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अशोक पाठक को हस्तक्षेपकर्ता बनाकर अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया।
एकल पट्टा मामले में पुनरीक्षण याचिका वापस लेने के राज्य सरकार के आवेदन व पक्षकार बनने के लिए अशोक पाठक की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने फैसला सुनाया। पाठक की ओर से अधिवक्ता वागीश कुमार सिंह ने कहा था कि मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है और वादी के पास एकल पट्टा मामले से जुड़े साक्ष्य हैं। ऐसे में उन्हें पक्षकार बनाया जाना चाहिए।
वहीं राज्य सरकार का कहना था कि जांच में नए तथ्य सामने आए हैं, जिसके चलते सरकार पुनरीक्षण याचिका वापस लेना चाहती है। पुनरीक्षण याचिका के जरिए राज्य सरकार ने अधीनस्थ अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें एकल पट्टा मामले में केस वापस लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था। धारीवाल व अन्य ने पाठक को पक्षकार बनाने और सरकार को पुनरीक्षण याचिका वापस लेने की अनुमति देने का विरोध किया।
कोर्ट ने सरकार की पुनरीक्षण याचिका वापस लेने की अर्जी स्वीकार करते हुए कहा कि अधीनस्थ अदालत के आदेश के खिलाफ अन्य पुनरीक्षण याचिकाएं लंबित हैं और सरकार को याचिका जारी रखने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
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