पीकेसी ईआरसीपी परियोजना के तहत सवाई माधोपुर और करौली जिलों की सीमा पर बनास नदी पर प्रस्तावित डूंगरी बांध के निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में मलारना डूंगर उपखंड के मकसूदनपुरा चौहानपुरा देवनारायण मंदिर परिसर में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें डूंगरी बांध के जलग्रहण क्षेत्र में आने वाले सवाई माधोपुर और करौली जिलों के 76 गांवों के हजारों प्रभावित ग्रामीण एकत्रित हुए।
प्रहलाद गुंजल ने भजनलाल सरकार पर जमकर हमला बोला
मुख्य अतिथि प्रहलाद गुंजल ने महापंचायत को संबोधित किया और राज्य की भजनलाल सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सवाई माधोपुर और करौली जिलों के सैकड़ों किसान पिछले एक महीने से डूंगरी बांध को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। गुंजल ने आरोप लगाया कि यह बांध औद्योगिक गलियारों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार किसानों को जबरन विस्थापित करने की कोशिश करेगी, तो वे किसानों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन शुरू करने को मजबूर होंगे।
सरकार को दिया गया 7 दिन का अल्टीमेटम
अपने संबोधन में गुंजल ने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि डॉ. मीणा किसानों के साथ कालाबाज़ारी करने वाले अमीर लोगों पर छापेमारी कर रहे हैं, लेकिन विडंबना यह है कि उनके अपने विधानसभा क्षेत्र में उनकी ही सरकार किसानों की ज़मीन छीनना चाहती है। इसके अलावा, गुंजल ने महापंचायत में सरकार से 7 दिनों के भीतर बांध को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की माँग की। उन्होंने कहा कि बांध निर्माण और संभावित विस्थापन को लेकर क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल है।
डूंगरी बांध निर्माण का ग्रामीणों ने जताया कड़ा विरोध
महापंचायत में मौजूद ग्रामीणों ने डूंगरी बांध निर्माण का कड़ा विरोध जताया और कहा कि सरकार डूंगरी बांध के नाम पर विकास की बजाय विनाश की योजना बना रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस बांध के निर्माण से 76 गाँवों की ज़मीन अधिग्रहित होगी और उन्हें विस्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 13 जिलों को पानी देने के नाम पर सरकार करौली और सवाई माधोपुर जिलों के एक बड़े हिस्से को बर्बाद करना चाहती है, जिसे ग्रामीण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
इस विशाल जनसभा के दौरान प्रहलाद गुंजल और संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने मंच पर एसडीएम चंद्र प्रकाश वर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। महापंचायत में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जिसके तहत तीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, तीन पुलिस उपाधीक्षक, नौ थानों का पुलिस बल, आरएसी की बटालियन और महापंचायत के पास रेलवे ट्रैक पर जीआरपी और आरपीएफ बल तैनात किया गया था।
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