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सरकार का दावा- युवाओं में हार्ट अटैक के पीछे कोविड वैक्सीन ज़िम्मेदार नहीं, जानकार कितने सहमत?

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image Getty Images स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोविड के टीके से हार्ट अटैक का कोई संबंध नहीं है

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक विज्ञप्तिमें कहा है कि कोविड-19 टीकाकरण और देश में अचानक हार्ट अटैक के कारण हो रही मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है.

मंत्रालय ने कहा है कि, "भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के किए गए दो अलग-अलग अध्ययनों में इसकी पुष्टि होती है.

मंत्रालय ने आगे कहा, "भारत में कोविड-19 का टीका सुरक्षित और प्रभावशाली है और इसके गंभीर दुष्प्रभाव के मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं."

सरकार के मुताबिक़, "अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों का संबंध आनुवंशिकी, जीवनशैली, पहले से मौज़ूद बीमारियां और कोविड के बाद हुई परेशानियों से हो सकता है."

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मंत्रालय ने कहा है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (एनआईई) के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 टीकाकरण से युवा वयस्कों में अचानक होने वाली मौतों का जोखिम नहीं बढ़ता है.

वहीं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अध्ययन के बाद किए गए शुरुआती विश्लेषण में बताया है, "मायोकार्डियल इन्फ़ाक्शन या दिल का दौरा युवा वर्ग में अचानक मौत का प्रमुख कारण बना हुआ है. पिछले वर्ष की तुलना में इस साल भी इसके कारणों के पैटर्न में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है."

एम्स ने कहा है कि अध्ययन पूरा होने के बाद अंतिम परिणाम साझा किए जाएंगे लेकिन एम्स ने इन मौतों के पीछे , "अनुवांशिक परिवर्तन को संभावित कारण माना है."

मंत्रालय ने कहा है कि, "दोनों अध्ययन से यह बात पता चलती है कि अचानक मौतों के पीछे कोविड-19 का टीका नहीं बल्कि पहले से चली आ रही स्वास्थ्य समस्याएं, आनुवांशिक प्रवृति और असंतुलित जीवनशैली मौतों में भूमिका निभाती है."

लेकिन जानकारों की इस दावे को लेकर मिली-जुली राय है और कई विशेषज्ञों ने सरकार के इस दावे से असहमति भी जताई है.

एस्ट्राज़ेनेका ने भी मानी थी साइड इफ़ेक्ट्स की बात image Getty Images सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजे़नेका ने विकसित किया है

कर्नाटक के हासन ज़िले में करीब एक महीने में 22 युवाओं की मौत हार्ट अटैक से हुई. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन मौतों के पीछे कोविड वैक्सीन को लेकर आशंका जाहिर की है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स पर लिखा है, "हासन ज़िले में हाल ही में 20 से ज्यादा लोगों की हार्ट अटैक से मौत हुई है. यह गंभीर मामला है. क्या यह अचानक हो रही मौतें कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट तो नहीं?"

उन्होंने लिखा है,"कई इंटरनेशनल रिसर्च से हाल में यह संकेत मिला है कि वैक्सीन हार्ट अटैक का कारण बन सकती है. क्या वैक्सीन को जल्दबाजी में मंजूरी देना इन मौतों की वजह हो सकती है?"

कोविड 19 वैक्सीन को लेकर सेंट स्टीफ़न अस्पताल के डॉक्टर जैकब पुलियाल की राय भी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अध्ययन से अलग है.

डॉक्टर जैकब पुलियाल कहते हैं,"सीधी सी बात है कि भारत में जो वैक्सीन बनाई जा रही है वह मूल रूप से ब्रिटेन से आ रही है. अब जिस कंपनी ने वैक्सीन को बनाया है, वही मान रही है कि इससे दिक्कतें हो सकती हैं तो फिर जो ये जांच की गई है उसके तरीके को समझा जा सकता है."

उन्होंने कहा,"केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय किस तरह से जांच करा रहा है. किस वैक्सीन की जांच की जा रही है और उनके जांच का क्या तरीका है. ऐसे में यह कहना कि ब्रिटेन वाली दिक्कत भारत में नहीं हो रही है, यह बातें सभी लोगों के समझ में आती हैं."

कोरोना का टीका बनाने वाली फ़ार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने करीब एक साल पहले इस बात को माना था कि उसके वैक्सीन के 'गंभीर साइड इफेक्ट्स' हो सकते हैं.

कंपनी ने ब्रिटेन के हाई कोर्ट में इस बात को माना था कि वैक्सीन के कारण किसी को थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) जैसी स्थिति हो सकती है.

इसके कारण लोगों में रक्त के थक्के बन जाते हैं और रक्त प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है. ऐसे में ब्रेन स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट होने की आशंकाएं बढ़ जाती हैं.

एस्ट्राज़ेनेका ने ही भारत में सीरम सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर कोविशील्ड को तैयार किया था.

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'बिना साइड इफेक्ट के कोई वैक्सीन नहीं' image Getty Images सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने साल 2021 में एस्ट्राज़ेनेका के साथ एक अरब ख़ुराक बनाने का कॉन्ट्रैक्ट किया था

फाउंडेशन फॉर पीपल-सेंट्रिक हेल्थ सिस्टम्स के निदेशक डॉक्टर चंदकांत लहरिया कहते हैं, " दुनिया की कोई भी वैक्सीन ऐसी नहीं है जिसका नुकसान शून्य हो.सभी का कुछ न कुछ है, तो इस वैक्सीन का भी साइड इफेक्ट है."

डॉक्टर लहरिया कहते हैं,"एक ही वैक्सीन अलग अलग जगहों पर अलग तरह से प्रभाव और दुष्प्रभाव डालती है. ऐसे में कोई जरूरी नहीं है कि वैक्सीन का जो दुष्प्रभाव यूरोपियन देशों में पड़े वही एशियन देशों में दिखाई दे. यह इसलिए होता है क्योंकि सभी की जीन अलग है."

उन्होंने कहा, "तीसरी बात यह देखा जाता है कि जनसंख्या के अनुसार पहले हार्ट अटैक होते थे और अब कितने हो रहे हैं. अगर इसके रेट में बदलाव है तो फिर दिक्कत है अन्यथा नहीं."

इन सभी पैमानों पर रखकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट को देखा जा सकता है.

डॉक्टर लहरिया कहते हैं, "एमआरएनए वैक्सीन में कई जगहों पर हार्ट अटैक की बात सामने आई लेकिन भारत में इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण अभी तक नहीं मिला है और जो टीटीएस (रक्त के थक्के जमना) की बात हो रही है. उसका भी भारत में कोई प्रमाण नहीं मिला है.

'10 हज़ार में से एक को हो सकता है नुकसान' image EPA ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो में एक हेल्थ वर्कर एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन की ख़ुराक तैयार करती हुईं (तस्वीर 20 अप्रैल, 2021 की है)

युवाओं की हार्ट अटैक से हो रही मौत को लेकर भले ही आईसीएमआर ने कोविड-19 के टीके को क्लीन चिट दे दी हो लेकिन यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी की राय इससे अलग है.

यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजीने अपने एक शोध में पाया है, मायोकार्डिटिस से हो रही मौतों और कोविड-19 का टीके के बीच एक गहरा संबंध होने की आशंका है.

ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के अनुसार, कोविड-19 टीकों का मायोकार्डिटिस और पेरीकार्डिटिस के बीच संबंध है. हालांकि यह बहुत कम है लेकिन यूके की ग्रीन बुक ऑन वैक्सीन के अनुसार यह 25 वर्ष से कम के युवा पुरुषों में अधिक है.

पेरिकार्डिटिस हृदय के चारों ओर की परत की सूजन है जबकि मायोकार्डिटिस हृदय की मांसपेशी की सूजन है.

फाउंडेशन के अनुसार पहली डोज की तुलना में दूसरे डोज में अधिक जोख़िम पाया गया है. दो कंपनियों की दवाओं का जिक्र करते हुए बताया है कि यह जोख़िम दस हज़ार में से एक लोगों को हो सकता है.

हालांकि यूके कीमेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसीका कहना है कि अधिकांश लोगों के लिए कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के लाभ किसी जोखिम की तुलना में अधिक है.

युवाओं में हार्ट अटैक image iStock पिछले सालों में युवाओं की हार्ट अटैक से अचानक मौत के मामले काफ़ी बढ़ गए हैं

भारत में पिछले सालों में दिल संबंधी बीमारी के कारण मौत की कई घटनाएं सामने आई हैं. कई लोगों को अचानक बैठे-बैठे, नाचते, कसरत करते हुए हार्ट अटैक आने के वीडियो सामने आए हैं.

वीडियो में दिख रहा है लोग हार्ट अटैक के कारण अचानक गिर जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है. इनमें से कई लोगों की उम्र तो बेहद कम थी. युवाओं और किशोरों में भी हार्ट अटैक बढ़ते हुए पाए गए हैं.

  • 46 साल के कन्नड़ अभिनेता पुनीत राजकुमार को हार्ट अटैक.
  • 41 साल के टीवी अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला को हार्ट अटैक.
  • 59 साल के कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की जिम में कसरत करते हार्ट अटैक.
  • जम्मू-कश्मीर में 21 साल का एक लड़का नाचते हुए मंच पर गिरा. उसे हार्ट अटैक आया था और उसकी मौत हो गई.
  • मुंबई में गरबा खेलते हुए एक 35 साल के शख़्स की हार्ट अटैक से मौत हो गई.
  • 33 साल के एक जिम ट्रेनर बैठे-बैठे बेहोश हो गए. उनकी हार्ट अटैक आने से मौत हो गई.

हालांकि इनमें से किसी भी मामले के कोविड टीके से जुड़े होने के प्रमाण नहीं मिले हैं लेकिन भारत में कोरोना संक्रमण के दूरगामी प्रभावों को लेकर डॉक्टर पहले भी आगाह करते रहे हैं.

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बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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