नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (UN IGF) 2025 के दौरान साइबरपीस फाउंडेशन के ग्लोबल प्रेसिडेंट श्री विनीत कुमार और मॉरीशस के राष्ट्रपति महामहिम पृथ्वीराजसिंह रूपन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस भेंट में साइबर शांति, डिजिटल सुरक्षा और तकनीकी सहयोग पर गहराई से चर्चा हुई। यह मुलाकात भारत और मॉरीशस के बीच डिजिटल दुनिया में साझा दृष्टिकोण और सहयोग की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
वैश्विक स्थायित्व के लिए साइबर शांतिविनीत कुमार ने राष्ट्रपति रूपन को 'CyberPeace' विषय पर साइबरपीस फाउंडेशन की अंतरराष्ट्रीय पहल और शोध कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि साइबर शांति आज केवल तकनीकी सुरक्षा नहीं बल्कि वैश्विक स्थायित्व और विकास का मूल आधार बन रही है। उनकी संस्था दुनिया भर में 'Technology for Good' को बढ़ावा देने के लिए नीति संवाद, प्रशिक्षण और सहयोग पर काम कर रही है।
मॉरीशस की प्रतिबद्धताराष्ट्रपति रूपन ने भारत के साथ साइबर सहयोग को और मजबूत बनाने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि मॉरीशस साइबर लचीलापन, सुरक्षा और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने को प्रतिबद्ध है। साइबरपीस फाउंडेशन के साथ साझेदारी से मॉरीशस को वैश्विक मंचों पर अपनी रणनीति को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
साझेदारी से खुले नए रास्तेविनीत कुमार ने बैठक के बाद कहा, “भारत और मॉरीशस के रिश्ते ऐतिहासिक तो हैं ही, लेकिन डिजिटल भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह साझेदारी वैश्विक साइबर शांति की दिशा में एक अहम कदम है।” यह मुलाकात दोनों देशों के बीच साइबर डिप्लोमेसी, नीति सहयोग और तकनीकी नवाचार के लिए नए रास्ते खोलती है।
CyberPeace Foundationसाइबरपीस फाउंडेशन विश्व की पहली साइबर शांति पर केंद्रित नागरिक संस्था है, जो नीति निर्माण, शोध, प्रशिक्षण और साझेदारी के माध्यम से 'Technology for Good' की दिशा में काम करती है। यह संस्था सरकार, शिक्षा संस्थानों और नागरिक समाज के साथ मिलकर साइबर अपराध और साइबर युद्ध के खतरों के खिलाफ वैश्विक लचीलापन तैयार करने में जुटी है।
वैश्विक स्थायित्व के लिए साइबर शांतिविनीत कुमार ने राष्ट्रपति रूपन को 'CyberPeace' विषय पर साइबरपीस फाउंडेशन की अंतरराष्ट्रीय पहल और शोध कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि साइबर शांति आज केवल तकनीकी सुरक्षा नहीं बल्कि वैश्विक स्थायित्व और विकास का मूल आधार बन रही है। उनकी संस्था दुनिया भर में 'Technology for Good' को बढ़ावा देने के लिए नीति संवाद, प्रशिक्षण और सहयोग पर काम कर रही है।
मॉरीशस की प्रतिबद्धताराष्ट्रपति रूपन ने भारत के साथ साइबर सहयोग को और मजबूत बनाने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि मॉरीशस साइबर लचीलापन, सुरक्षा और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में आगे बढ़ने को प्रतिबद्ध है। साइबरपीस फाउंडेशन के साथ साझेदारी से मॉरीशस को वैश्विक मंचों पर अपनी रणनीति को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
साझेदारी से खुले नए रास्तेविनीत कुमार ने बैठक के बाद कहा, “भारत और मॉरीशस के रिश्ते ऐतिहासिक तो हैं ही, लेकिन डिजिटल भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह साझेदारी वैश्विक साइबर शांति की दिशा में एक अहम कदम है।” यह मुलाकात दोनों देशों के बीच साइबर डिप्लोमेसी, नीति सहयोग और तकनीकी नवाचार के लिए नए रास्ते खोलती है।
CyberPeace Foundationसाइबरपीस फाउंडेशन विश्व की पहली साइबर शांति पर केंद्रित नागरिक संस्था है, जो नीति निर्माण, शोध, प्रशिक्षण और साझेदारी के माध्यम से 'Technology for Good' की दिशा में काम करती है। यह संस्था सरकार, शिक्षा संस्थानों और नागरिक समाज के साथ मिलकर साइबर अपराध और साइबर युद्ध के खतरों के खिलाफ वैश्विक लचीलापन तैयार करने में जुटी है।
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