नई दिल्ली: अक्टूबर 2025 तक करीब 12 इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Funds) का नेट एसेट वैल्यू (NAV) 1,000 रुपये से ऊपर पहुंच गया है। ये फंड्स अपने लॉन्च से लेकर अब तक लगातार 15% से ज्यादा की सालाना कंपाउंड रिटर्न (CAGR) दे रहे हैं। इनमें मिड कैप, फ्लेक्सी कैप, ELSS, लार्ज कैप और लार्ज & मिड कैप फंड शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबे समय तक एक्टिव रहने वाले फंड्स में इन्वेस्टमेंट करने से लॉन्ग टर्म में अच्छे रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
टॉप पर मिड कैप फंड्स (mid cap fund)
इन 12 फंड्स में से 11 फंड्स 25 साल से अधिक समय से मार्केट में एक्टिव हैं, जबकि सुंदरम मिड कैप फंड 23.29 साल पुराना है। मिड कैप फंड्स ने NAV के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। उदाहरण के लिए, निप्पॉन इंडिया ग्रोथ मिड कैप फंड, जो अक्टूबर 1995 में लॉन्च हुआ था, इसका NAV 4,239 रुपये है और यह 22.29% CAGR दे रहा है। इसके अलावा फ्रैंकलिन इंडिया मिड कैप फंड, लगभग 32 साल पुराने, का NAV 2,775 रुपये है और CAGR 19.28% है। सुंदरम मिड कैप फंड ने भी 23.73% CAGR के साथ मजबूत प्रदर्शन किया है। फ्लेक्सी कैप फंड्स ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। साथ ही HDFC फ्लेक्सी कैप फंड, आदित्य बिड़ला SL फ्लेक्सी कैप फंड और फ्रैंकलिन इंडिया फ्लेक्सी कैप फंड ने रिस्पेक्टिवली: 2,066, 1,855 और 1,667 रुपये NAV के साथ 18.88%, 21.19% और 17.89% CAGR दिया है। इन फंड्स के लंबे समय से मार्केट में होने के कारण इन्वेस्टर को स्थिर रिटर्न मिलने की संभावना अधिक रहती है।
ELSS, लार्ज कैप और मिड कैप फंड्स (Large & Mid Cap Funds)ELSS फंड्स में फ्रैंकलिन इंडिया ELSS टैक्स सेवर फंड का NAV 1,503 रुपये और CAGR 20.77% है, जबकि HDFC ELSS टैक्स सेवर ने 23.17% CAGR के साथ 1,475 रुपये NAV दर्ज किया है। लार्ज & मिड कैप फंड्स में निप्पॉन इंडिया विज़न लार्ज & मिड कैप फंड का NAV 1,495 रुपये और CAGR 18.12% है, जबकि ICICI प्रूडेंशियल लार्ज & मिड कैप फंड 1,041 रुपये NAV और 18.54% CAGR दे रहा है। लार्ज कैप फंड्स में HDFC लार्ज कैप फंड और फ्रैंकलिन इंडिया लार्ज कैप फंड ने रिस्पेक्टिवली: 1,162 और 1,050 रुपये NAV के साथ 18.54% और 18.91% CAGR दिया है।
इन फंड्स ने समय के साथ अपनी इन्वेस्टमेंट रणनीति और बेंचमार्क बदले हैं, इसलिए उनका वर्तमान प्रदर्शन सीधे पुराने बेंचमार्क से तुलना नहीं किया जा सकता। ध्यान रहे कि ये आंकड़े केवल नियमित योजनाओं के ग्रोथ ऑप्शन के लिए हैं और सेक्टोरल या थीमैटिक फंड्स इसमें शामिल नहीं हैं।
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