आंध्र प्रदेश सरकार ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) की दो पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट डील को कैसिंल कर दिया है, जिसमें 1200 मेगावाट की कुरुकुट्टी और 1,000 मेगावाट की कर्रीवालसा प्रोजेक्ट शामिल हैं. इसकी वजह इन इलाकों में स्थानीय विवाद और आंध्र-ओडिशा सीमा विवाद जैसी दिक्कतें हैं. खुद अडानी ग्रुप ने सरकार से इन प्रोजेक्ट्स को रद्द करने की रिक्वेस्ट की थी और अब सरकार ने भी मंजूरी दे दी.
राज्य के मुख्य सचिव के. विजयनंद ने सोमवार को एक सरकारी आदेश जारी कर बताया कि AGEL ने सरकार को पत्र लिखकर इन प्रोजेक्ट्स को रद्द करने का अनुरोध किया, क्योंकि आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच सीमा विवाद जैसी स्थानीय समस्याएं सामने आई थीं. मुख्य सचिव ने कहा, 'सरकार ने AGEL के प्रस्ताव पर चर्चा और विस्तृत जांच के बाद कुरुकुट्टी (1,200 मेगावाट) और कर्रीवालसा (1,000 मेगावाट) पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट्स को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है.' ये दोनों प्रोजेक्ट्स परवतिपुरम मन्यम जिले में प्रस्तावित थे, जिनकी अनुमति 29 जून 2022 को पिछली YSRCP सरकार के दौरान दी गई थी.
सीमा विवाद के कारण काम नहीं कर पा रही थी कंपनी
इन प्रोजेक्ट्स की शुरुआती रिपोर्ट सरकारी एजेंसी NREDCAP ने एक निजी कंपनी TCE लिमिटेड की मदद से तैयार की थी. वहीं, अडानी ग्रुप ने खुद सर्वे और डिटेल रिपोर्ट (DPR) बनाने का काम किया था. लेकिन 12 सितंबर 2024 को अडानी ने सरकार को चिट्ठी लिखकर कहा कि इन दोनों प्रोजेक्ट्स की जगह पर आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच सीमा विवाद चल रहा है, जिस वजह से काम करना मुश्किल हो रहा है. इसलिए, कंपनी ने प्रोजेक्ट्स को रद्द करने और पहले दिए गए चार्ज को वापस करने या किसी अन्य प्रोजेक्ट की चार्ज में शामिल करने की मांग की.
इसके बाद फिर से 15 मई 2025 को कंपनी ने एक और चिट्ठी भेजकर कुरुकुट्टी और कर्रीवालसा प्रोजेक्ट्स को आधिकारिक रूप से रद्द करने का अनुरोध किया था. सरकार ने पूरी जांच के बाद अब इन प्रोजेक्ट्स को औपचारिक रूप से कैंसिल कर दिया है. इसके अलावा अडानी को पहले ही पेडाकोटा (1000 मेगावाट) और रायवाड़ा (600 मेगावाट) नाम के दो और प्रोजेक्ट्स अलॉट किए जा चुके हैं.
NREDCAP ने भी दोनों प्रोजेक्ट्स को रद्द करने का दिया था सुझाव
NREDCAP (न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ आंध्र प्रदेश) के वाइस चेयरमैन एम. कमलाकर बाबू ने सरकार को सुझाव दिया था कि इन दोनों प्रोजेक्ट्स को रद्द कर दिया जाए, क्योंकि इस मामले में AGEL की कोई गलती नहीं है.
AGEL ने सरकार से यह भी कहा है कि जो पैसे उन्होंने इन प्रोजेक्ट्स के लिए पहले ही दिए थे (जैसे फीस और चार्जेज), वे अब उनके बाकी दो प्रोजेक्ट्स - पेडाकोटा (1000 मेगावाट) और रायवाड़ा (600 मेगावाट) में एडजस्ट कर दिए जाएं. ये प्रस्ताव 17 जुलाई 2025 को राज्य की इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की मीटिंग में रखा गया था, जहां सरकार ने सहमति दी कि स्थानीय विवादों की वजह से AGEL के अनुरोध पर ये दोनों प्रोजेक्ट कैंसिल कर दिए जाएं.
राज्य के मुख्य सचिव के. विजयनंद ने सोमवार को एक सरकारी आदेश जारी कर बताया कि AGEL ने सरकार को पत्र लिखकर इन प्रोजेक्ट्स को रद्द करने का अनुरोध किया, क्योंकि आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच सीमा विवाद जैसी स्थानीय समस्याएं सामने आई थीं. मुख्य सचिव ने कहा, 'सरकार ने AGEL के प्रस्ताव पर चर्चा और विस्तृत जांच के बाद कुरुकुट्टी (1,200 मेगावाट) और कर्रीवालसा (1,000 मेगावाट) पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट्स को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है.' ये दोनों प्रोजेक्ट्स परवतिपुरम मन्यम जिले में प्रस्तावित थे, जिनकी अनुमति 29 जून 2022 को पिछली YSRCP सरकार के दौरान दी गई थी.
सीमा विवाद के कारण काम नहीं कर पा रही थी कंपनी
इन प्रोजेक्ट्स की शुरुआती रिपोर्ट सरकारी एजेंसी NREDCAP ने एक निजी कंपनी TCE लिमिटेड की मदद से तैयार की थी. वहीं, अडानी ग्रुप ने खुद सर्वे और डिटेल रिपोर्ट (DPR) बनाने का काम किया था. लेकिन 12 सितंबर 2024 को अडानी ने सरकार को चिट्ठी लिखकर कहा कि इन दोनों प्रोजेक्ट्स की जगह पर आंध्र प्रदेश और ओडिशा के बीच सीमा विवाद चल रहा है, जिस वजह से काम करना मुश्किल हो रहा है. इसलिए, कंपनी ने प्रोजेक्ट्स को रद्द करने और पहले दिए गए चार्ज को वापस करने या किसी अन्य प्रोजेक्ट की चार्ज में शामिल करने की मांग की.
इसके बाद फिर से 15 मई 2025 को कंपनी ने एक और चिट्ठी भेजकर कुरुकुट्टी और कर्रीवालसा प्रोजेक्ट्स को आधिकारिक रूप से रद्द करने का अनुरोध किया था. सरकार ने पूरी जांच के बाद अब इन प्रोजेक्ट्स को औपचारिक रूप से कैंसिल कर दिया है. इसके अलावा अडानी को पहले ही पेडाकोटा (1000 मेगावाट) और रायवाड़ा (600 मेगावाट) नाम के दो और प्रोजेक्ट्स अलॉट किए जा चुके हैं.
NREDCAP ने भी दोनों प्रोजेक्ट्स को रद्द करने का दिया था सुझाव
NREDCAP (न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ आंध्र प्रदेश) के वाइस चेयरमैन एम. कमलाकर बाबू ने सरकार को सुझाव दिया था कि इन दोनों प्रोजेक्ट्स को रद्द कर दिया जाए, क्योंकि इस मामले में AGEL की कोई गलती नहीं है.
AGEL ने सरकार से यह भी कहा है कि जो पैसे उन्होंने इन प्रोजेक्ट्स के लिए पहले ही दिए थे (जैसे फीस और चार्जेज), वे अब उनके बाकी दो प्रोजेक्ट्स - पेडाकोटा (1000 मेगावाट) और रायवाड़ा (600 मेगावाट) में एडजस्ट कर दिए जाएं. ये प्रस्ताव 17 जुलाई 2025 को राज्य की इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की मीटिंग में रखा गया था, जहां सरकार ने सहमति दी कि स्थानीय विवादों की वजह से AGEL के अनुरोध पर ये दोनों प्रोजेक्ट कैंसिल कर दिए जाएं.
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