भारत में कुछ अद्भुत शिवलिंग हैं, जिनमें से एक का आकार लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं, एक अन्य शिवलिंग को स्वयंभू माना जाता है। आइए, इन चमत्कारी शिवलिंगों के बारे में जानते हैं।
बिजली महादेव
बिजली महादेव का मंदिर मनाली से लगभग 60 किलोमीटर और कुल्लू से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर पहाड़ी की चोटी पर है, जहां से कुल्लू, मणीकर्ण, पार्वती और भुंतर घाटी का दृश्य देखने को मिलता है। यहां हर 12 साल में आकाशीय बिजली गिरती है, जिससे शिवलिंग टूटकर बिखर जाता है। पुजारी इसे मक्खन से जोड़कर फिर से आकार देता है, और यह चमत्कारिक रूप से फिर से अपने आकार में आ जाता है।
अचलेश्वर महादेव मंदिर
राजस्थान के माउंट आबू में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग का रंग दिन में केसरिया और शाम को सांवला हो जाता है। यहां शिव जी के अंगूठे की पूजा की जाती है, जो इस मंदिर को विशेष बनाता है।
ऐरावतेश्वर महादेव मंदिर
दक्षिण भारत में ऐरावतेश्वर महादेव मंदिर एक प्रसिद्ध रहस्यमयी स्थल है। यहां की सीढ़ियों पर कदम रखते ही मधुर संगीत की ध्वनि सुनाई देती है, लेकिन इसके पीछे का रहस्य अभी तक अनजान है।

भूतेश्वर मंदिर
छत्तीसगढ़ के मरोदा गांव में स्थित भूतेश्वर मंदिर में शिवलिंग का आकार हर दिन 6 से 8 इंच बढ़ता है। कहा जाता है कि भगवान शंकर-पार्वती यहां शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इस मंदिर को भकुरा महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
निष्कलंक महादेव मंदिर
गुजरात के भावनगर में स्थित निष्कलंक महादेव मंदिर अरब सागर के तट पर है। यहां 5 स्वयंभू शिवलिंग हैं, जो समुद्र के ज्वार के समय पानी में डूब जाते हैं। इस मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, जहां पांडवों ने तप किया था।
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