कई बार हमें यह संदेह होता है कि पेट्रोल पंप पर हमें कम डीजल या पेट्रोल दिया गया है। हालांकि, हम इसे अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। यदि आप भी ऐसा कर रहे हैं, तो आप पेट्रोल पंप पर होने वाली ठगी का शिकार हो सकते हैं। इस लेख में हम आपको कुछ उपयोगी टिप्स बताएंगे, जिनसे आप ठगी से बच सकते हैं।
फ्यूल पंप टिप्स: कई बार पेट्रोल भरवाने के बाद आपको लगता है कि आपने जितने पैसे का पेट्रोल भरा है, उसके अनुसार आपकी गाड़ी ने माइलेज नहीं दी। ऐसे में पेट्रोल पंप पर ठगी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स जानना आवश्यक है।
रेट में गड़बड़ी
कुछ पेट्रोल पंप के कर्मचारी या मालिक फ्यूल की कीमतों में हेरफेर कर सकते हैं। इसलिए जब भी आप अपनी गाड़ी में फ्यूल भरवाएं, तो मीटर की जांच करना न भूलें। इससे आप ठगी से बच सकते हैं।
फीलिंग मशीन में चिप से खिलवाड़
कभी-कभी कम तेल भरने के लिए फ्यूल पंप के मालिक और कर्मचारी मशीन में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगा देते हैं, जिससे मीटर पर पूरी मात्रा दिखाई देती है, लेकिन ग्राहक को कम फ्यूल मिलता है।
बिना अनुमति के सिंथेटिक तेल भरना
कुछ पेट्रोल पंपों पर ग्राहक के वाहन में बिना पूछे रेगुलर फ्यूल की जगह सिंथेटिक तेल भर दिया जाता है। यह सामान्य तेल से 5 से 10 प्रतिशत महंगा होता है, जिससे ग्राहकों को अधिक राशि चुकानी पड़ती है। इसलिए तेल भरवाने से पहले पंप अटेंडेंट को स्पष्ट निर्देश देना न भूलें।
खराब फ्यूल क्वालिटी
यदि आपको अपने वाहन में भरे जा रहे फ्यूल की गुणवत्ता पर संदेह है, तो आप इंजन फिल्टर पेपर टेस्ट की मांग कर सकते हैं। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के अनुसार हर पेट्रोल पंप पर फिल्टर पेपर होना चाहिए और जरूरत पड़ने पर ग्राहक को दिया जाना चाहिए।
पेट्रोल मिलावटी है या नहीं, यह जानने के लिए फिल्टर पेपर पर पेट्रोल की कुछ बूंदें डालें। यदि पेपर पर दाग छूटता है, तो पेट्रोल मिलावटी है। खराब गुणवत्ता का फ्यूल आपके वाहन को नुकसान पहुंचा सकता है।
पेट्रोल का दाम
जब भी आप पेट्रोल पंप पर जाएं, तो पेट्रोल की कीमत की जांच अवश्य करें। कोई भी पेट्रोल पंप डीलर फ्यूल के लिए अधिक कीमत नहीं ले सकता है। इसलिए मशीन पर दिखने वाले फ्यूल की कीमत की जांच करना न भूलें।