Next Story
Newszop

प्रयागराज महाकुंभ में आगजनी की घटना: आतंकवादी संगठन ने ली जिम्मेदारी

Send Push
महाकुंभ मेले में आगजनी की घटना

प्रयागराज में महाकुंभ मेले का माहौल श्रद्धा और भक्ति से भरा हुआ था। लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान कर रहे थे, और पूरा मेला क्षेत्र धार्मिकता की रोशनी से जगमगा रहा था। लेकिन 19 जनवरी की शाम को एक घटना ने इस पवित्रता को दहशत में बदल दिया।


शाम के लगभग साढ़े चार बजे, गीता प्रेस के कैंप में अचानक आग लग गई। आग तेजी से फैल गई और 180 से अधिक कॉटेज जलकर खाक हो गए। इस घटना ने लोगों में भगदड़ मचा दी और अफरातफरी का माहौल उत्पन्न कर दिया। प्रारंभिक जांच में यह बताया गया कि रसोई में सिलेंडर फटने से आग लगी, लेकिन कुछ दिनों बाद एक और कहानी सामने आई।


मंगलवार को, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) नामक एक आतंकवादी संगठन ने मीडिया को ई-मेल भेजकर इस आगजनी की जिम्मेदारी ली। ई-मेल में लिखा गया, "यह पीलीभीत में हुए एनकाउंटर का प्रतिशोध है। यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए एक चेतावनी है। यह तो बस शुरुआत है।"


इस खबर ने सभी को चौंका दिया। जबकि सरकार और पुलिस इसे एक सामान्य घटना मान रहे थे, वहीं एक आतंकवादी संगठन इसे अपनी कार्रवाई बता रहा था। यह मामला केवल आगजनी का नहीं था, बल्कि आतंकवाद और प्रतिशोध की राजनीति का एक गंभीर संकेत था।


पीलीभीत एनकाउंटर की कहानी कुछ महीने पहले की है, जब यूपी पुलिस ने पंजाब पुलिस की सूचना पर तीन खालिस्तानी आतंकियों को मार गिराया था। ये आतंकी ग्रेनेड हमलों में शामिल थे और छिपकर रह रहे थे। इन आतंकियों के हैंडलर फतेह सिंह बागी ने महाकुंभ मेले में आग लगाने की जिम्मेदारी ली थी। फतेह सिंह बागी का इतिहास भी दिलचस्प है; वह भारतीय सेना के परिवार से था, लेकिन विदेश जाकर आतंकवाद की राह पर चल पड़ा।


यह घटना दर्शाती है कि कैसे शांति और आस्था के माहौल को नफरत और प्रतिशोध की आग में झोंका जा सकता है। यह केवल एक समाचार नहीं, बल्कि उन चुनौतियों की कहानी है जिनका सामना हमारा समाज आज भी कर रहा है।


Loving Newspoint? Download the app now