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फैटी लिवर से बचने के लिए ताड़गोला के अद्भुत लाभ

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फैटी लिवर की समस्या और ताड़गोला का महत्व

आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लोगों का खान-पान काफी अस्वस्थ हो गया है। अब अधिकांश लोग घर के बने खाने के बजाय फास्ट फूड का सेवन कर रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि हर उम्र के लोगों में लिवर से जुड़ी समस्याएं बढ़ रही हैं।


विशेष रूप से, फैटी लिवर डिजीज तेजी से बढ़ रही है। लिवर में सूजन को चिकित्सा क्षेत्र में फैटी लीवर डिजीज कहा जाता है। भारत में यह समस्या हर आयु वर्ग में बढ़ती जा रही है। यदि इसका समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह गंभीर रूप ले सकती है।


इस लेख में, हम फैटी लिवर के कारणों, रोकथाम के उपायों और उपचार के बारे में जानकारी साझा करेंगे।


फैटी लिवर के कारण

फैटी लिवर के कई कारण हैं, जैसे अस्वस्थ आहार, तनाव, नियमित शराब का सेवन और कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव। यह बीमारी दो प्रकार की होती है: अल्कोहोलिक फैटी लिवर और नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर।


लिवर को नियंत्रित करने वाले दो एंजाइम, SGOT और SGPT, फैटी लिवर डिजीज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब इन एंजाइम्स का स्तर असंतुलित हो जाता है, तो लिवर में सूजन बढ़ने लगती है।


लिवर में सूजन को कम करने के उपाय

जब लिवर की कोशिकाओं में चर्बी जमा हो जाती है, तो सूजन बढ़ जाती है। इसे कम करने के लिए चिकित्सकीय उपायों और खानपान पर ध्यान देना आवश्यक है।


विशेषज्ञ श्वेता शाह पांचाल के अनुसार, गर्मियों में मिलने वाले ताड़गोला या आइस एप्पल का सेवन लिवर की सूजन को कम करने में मददगार हो सकता है।


ताड़गोला के फायदे

लिवर की सफाई में सहायक


ताड़गोला में उच्च मात्रा में पोटेशियम होता है, जो लिवर की सफाई में मदद करता है। इसके सेवन से लिवर में छिपे टॉक्सिन्स से छुटकारा मिलता है, जिससे सूजन कम होती है।


वजन कम करने में मददगार


यदि किसी का वजन अधिक है, तो यह लिवर पर दबाव डालता है और उसकी कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। ताड़गोला का सेवन वजन कम करने में सहायक होता है। यह एक लो-कैलोरी फूड है जिसमें डाइटरी फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जिससे इसे वेट लॉस फूड माना जाता है।


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