बेमेतरा में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग की विभिन्न शाखाओं में कार्यरत नौ कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इन पर आर्थिक अनियमितताओं का आरोप है। जानकारी के अनुसार, इन कर्मचारियों ने 2016 से 2023 के बीच चार करोड़ रुपये से अधिक की राशि का घोटाला किया था।
जब गड़बड़ी का पता चला, तो विभागीय जांच शुरू की गई। जांच के बाद, इन कर्मचारियों को गड़बड़ी की राशि वापस करने का अवसर दिया गया, लेकिन उन्होंने राशि जमा नहीं की।
इन कर्मचारियों ने जिला सहकारी बैंक की 16 समितियों में कार्यरत रहते हुए 4 करोड़ 87 लाख 11 हजार रुपये से अधिक का घोटाला किया। शिकायत के बाद जांच शुरू की गई और बैंक के स्टाफ उप समिति के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
जांच के बाद, 20 दिसंबर को समिति की रिपोर्ट के आधार पर इन सभी को बैंक कर्मचारी सेवा नियम 57(1)(द) के तहत सेवा से मुक्त कर दिया गया। अब चार समिति प्रबंधक, चार पर्यवेक्षक और एक लिपिक से राशि वसूली की जाएगी।
समिति प्रबंधक शेषनारायण चौधरी ने नवागढ़ और अंधियार खोर में एक करोड़ 77 लाख 47 हजार 278 रुपये की गड़बड़ी की। श्याम सुंदर कश्यप ने मारो और गुंजेरा में 92 लाख 90 हजार 903 रुपये की गड़बड़ी की।
पर्यवेक्षक हीराधार मैत्री ने थानखमरिया और खैरझिटी में 87 लाख 63 हजार 843 रुपये की गड़बड़ी की। इसके अलावा, अन्य कर्मचारियों ने भी विभिन्न शाखाओं में गड़बड़ी की।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के कर्मचारी यूनियन संघ के सहसचिव विनोद राजपूत ने कहा कि आर्थिक अनियमितताओं के कई मामले सामने आए हैं, जिन पर पहले भी कार्रवाई की गई थी। लेकिन यह पहली बार है जब इतनी सख्त कार्रवाई की गई है।
जिला सहकारी बैंक के स्टाफ उप समिति ने आर्थिक अनियमितताओं में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और राशि वसूलने की अनुशंसा की है।
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