क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है?Image Credit source: Getty Images
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक ऐसा आहार पैटर्न है, जिसमें खाने और उपवास के समय को निर्धारित किया जाता है। इसमें कैलोरी की मात्रा को कम करने के बजाय खाने का समय सीमित किया जाता है। सबसे सामान्य तरीका 16:8 पैटर्न है, जिसमें 16 घंटे उपवास और 8 घंटे में भोजन किया जाता है। इसके अतिरिक्त, 5:2 पैटर्न भी प्रचलित है, जिसमें सप्ताह में 5 दिन सामान्य भोजन और 2 दिन कम कैलोरी वाला भोजन लिया जाता है। ईट-स्टॉप-ईट पैटर्न में सप्ताह में 24 घंटे का उपवास शामिल होता है। इन तरीकों का उद्देश्य मेटाबॉलिज्म को सुधारना, वजन को नियंत्रित करना और शरीर को डिटॉक्स करना होता है। सही तरीके से अपनाने पर, इंटरमिटेंट फास्टिंग कई शारीरिक और मानसिक लाभों से जुड़ी मानी जाती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है। यह वजन घटाने, वसा जलाने और हार्मोनल संतुलन में सहायक माना जाता है। उपवास शरीर में ऑटोफैगी प्रक्रिया को बढ़ावा देता है, जिससे खराब कोशिकाएं मरकर नई कोशिकाओं का निर्माण करती हैं। यह हृदय स्वास्थ्य, मस्तिष्क के कार्य और पाचन तंत्र को भी समर्थन करता है। इसके साथ ही, यह सूजन को कम करता है और ऊर्जा के स्तर को स्थिर बनाए रखता है। हालांकि, इंटरमिटेंट फास्टिंग का प्रभाव हर व्यक्ति पर भिन्न हो सकता है। इस पर सवाल उठता है कि क्या महिलाओं और पुरुषों पर इसका प्रभाव अलग-अलग होता है? आइए जानें।
क्या महिलाओं और पुरुषों पर अलग-अलग तरीके से असर करती है इंटरमिटेंट फास्टिंग इंटरमिटेंट फास्टिंग का प्रभाव
एम्स में डाइटिशियन डॉ. परमजीत कौर के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग का प्रभाव महिलाओं और पुरुषों पर कुछ हद तक भिन्न हो सकता है। पुरुषों में यह अक्सर वजन घटाने और मेटाबॉलिज्म में सुधार के लिए तेजी से प्रभाव दिखाता है, क्योंकि उनका मेटाबॉलिज्म स्वाभाविक रूप से तेज होता है। वहीं, महिलाओं के लिए लंबे समय तक उपवास कभी-कभी हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है।
पुरुषों में उपवास से टेस्टोस्टेरोन स्तर में वृद्धि और मांसपेशियों की मजबूती में मदद देखी गई है, जबकि महिलाओं में इसका प्रभाव एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन पर पड़ सकता है। यही कारण है कि महिलाओं को अक्सर छोटे उपवास पैटर्न जैसे 12:12 या 14:10 पैटर्न से शुरुआत करने की सलाह दी जाती है। वहीं, पुरुष लंबे उपवास पैटर्न को भी आसानी से अपना सकते हैं। इसका मतलब है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग सभी के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसकी अवधि और तरीका महिलाओं और पुरुषों के अनुसार भिन्न होना चाहिए।
फास्टिंग के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें इन चीजों का रखें ध्यान
फास्टिंग शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
महिलाओं को लंबे समय तक उपवास करने से बचना चाहिए।
हाइड्रेशन पर विशेष ध्यान दें और पर्याप्त पानी पिएं।
यदि किसी भी प्रकार की कमजोरी, चक्कर या हार्मोनल बदलाव महसूस हो, तो तुरंत उपवास रोक दें।
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