अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी मामले में महत्वपूर्ण राहत मिली है। अदालत ने उन्हें सभी 34 आरोपों से बिना किसी शर्त के बरी कर दिया है। इसके साथ ही, न्यायालय ने उनके दूसरे कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
जज मर्चेन ने इस मामले को असाधारण बताते हुए कहा कि इसमें कई विरोधाभास हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले ने मीडिया में काफी चर्चा बटोरी, लेकिन अदालत में स्थिति कुछ और ही थी।
फैसले के बाद ट्रंप ने जज से कहा कि उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया है और उन्होंने जज का आभार व्यक्त किया। ट्रंप ने अदालत में वही दलीलें दोहराईं जो वे पहले से कहते आ रहे थे, और आरोपों को निराधार बताया।
ट्रंप पर आरोप
ट्रंप पर आरोप था कि उन्होंने 2016 में एक एडल्ट स्टार को 1 लाख 30 हजार डॉलर दिए थे ताकि वह अपने संबंधों के बारे में चुप रहें। पिछले साल मई में ट्रंप को दोषी ठहराया गया था। हाल ही में, वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुए।
प्रासीक्यूटर की टिप्पणी
प्रासीक्यूटर स्टेनग्लास ने ट्रंप के व्यवहार की आलोचना की और कहा कि उन्होंने इस मामले की वैधता को कमजोर करने के लिए एक अभियान चलाया। उन्होंने ट्रंप के कई बयानों का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें इस मामले में फंसाया जा रहा है।
ट्रंप का ज्यूडिशियल प्रोसेस पर हमला
स्टेनग्लास ने यह भी बताया कि ट्रंप ने डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस को भ्रष्ट करार दिया था। उन्होंने अदालत से कहा कि ट्रंप की ओर से न्यायिक प्रक्रिया पर हमले किए गए हैं, जिससे अदालत के बाहर भी व्यापक प्रभाव पड़ा है। ट्रंप ने इस प्रक्रिया को लेकर लोगों की राय को प्रभावित किया है।
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