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किराएदार लड़कियां नहीं करती थी कुछ काम, दिनभर घुसी रहती थी घर में, दिखा कुछ ऐसा पूरा मौहल्ला ι

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श्रीगंगानगर. श्रीगंगानगर में ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत पुलिस की बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ किया. 4 महिला समेत छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. आरोपियों के कब्जे से 13 फोन , लैपटॉप, 34 रजिस्टर और अन्य उपकरण जब्त किए गए. आरोपी सोशल मीडिया पर सस्ती दरों पर कर्ज देने का झांसा देते थे और करोड़ों की ठगी को अंजाम दे चुके थे. श्रीगंगानगर कोतवाली पुलिस ने गली नंबर 1 संत कृपाल नगर में एक घर पर छापामारी करते हुए साइबर ठगी का कॉल सेंटर चला रहे चार लड़कियों समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. श्रीगंगानगर पुलिस ने मौके से एक दर्जन मोबाइल फोन, लैपटॉप, सीपीयू सहित रजिस्टर जप्त करते हुए पूछताछ शुरू कर दी है.

साइबर ठग गिरोह उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को अपना शिकार बनाता था. साथ ही पड़ोसी राज्य गुजरात, उत्तराखंड, महाराष्ट्र में भी लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया. गिरोह के सदस्यों के द्वारा आमजन को कॉल कर सस्ती दरों पर होम लोन, कार लोन, टू व्हीलर, पर्सनल लोन देने का झांसा देते थे. उनसे 600 से ₹800 रुपये तक की प्रोसेसिंग फीस एडवांस में ले ली जाती और नंबर ब्लॉक कर दिया जाता. चूंकि प्रोसेसिंग फीस महज 600 से ₹800 रुपए तक ही थी ऐसे में अधिकांश पीड़ित पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराते थे.

हालांकि दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत की. श्रीगंगानगर पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत कार्रवाई करते हुए साइबर ठग गिरोह की चार महिला सदस्यों सहित कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया है . अभी तक की जानकारी में यह सामने आया है कि पिछले चार-पांच साल से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा यह गिरोह अब तक लगभग 20 हजार लोगों को अपना शिकार बना चुका है . उनसे लगभग सवा करोड़ रुपये की ठगी की जा चुकी है. फिलहाल पुलिस साइबर ठगी के इस गिरोह से पूछताछ में जुटी हुई है.

कोतवाल पृथ्वी पाल सिंह ने बताया, ‘दिल्ली के एक शख्स से 600 रुपये की ठगी की गई. एसपी की ओर साइबर पोर्टल की शिकायत हमारे थाने को प्राप्त हुई. थाना क्षेत्र के एक मकान में फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था. मकान के अंदर चार लड़कियां और दो लड़के मौजूद थे. आरोपी सोशल मीडिया साइट पर सस्ती दरों पर लोन देने का झांसा देते थे. प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 600-800 रुपये वसूलते थे और फिर फोन ब्लॉक कर देते थे. पिछले 5 साल से फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था. छोटा अमाउंट लेते थे ताकि कोई शिकायत न दर्ज कराए. पिछले पांच साल में आरोपियों ने करीब सवा करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है.’

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