पीड़ित अकबर काजमी का आरोप है कि विधायक रमेश सिंह के प्रभाव में दिनदहाड़े पुलिस की शह पर उसकी जमीन कब्जा किए जाने के बाद भी जौनपुर जिले का कोई अधिकारी उसकी सुनवाई नहीं कर रहा है. ऐसे में उसका पूरा परिवार डरा सहमा है. उसके साथ कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है.
Jaunpur News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में शाहगंज से निषाद पार्टी के विधायक रमेश सिंह पर एक अल्पसंख्यक की जमीन कब्जा करने के आरोप लगे हैं. आरोप है कि पीड़ित की जमीन को आरोपी फैजान ने गलत तरीके से रजिस्ट्री कराई, जिसका मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है. उसी विवादित जमीन को विधायक ने अपनी पत्नी नीलम सिंह के नाम एग्रीमेंट कराकर उसे पुलिस और अपने करीबियों की शह पर बलपूर्वक कब्जा करा लिया.
दरअसल, पूरा मामला जौनपुर के शाहगंज विधानसभा क्षेत्र के पठकौली पूरे आजम गांव का है. इसी गांव निवासी सैय्यद अकबर काजमी का आरोप है कि उनकी जमीन को शाहगंज के निषाद पार्टी के विधायक रमेश सिंह ने फैजान नाम के व्यक्ति से गलत तरीके से अपनी पत्नी नीलम सिंह के नाम एग्रीमेंट कराकर कब्जा कर लिया.
अयोध्या-प्रयागराज हाईवे पर जमीनपीड़ित का आरोप है कि उसकी जमीन आराजी संख्या 233, 234, 240 और 240क खुटहन रोड पर अयोध्या-प्रयागराज हाईवे के किनारे स्थित है, जहां पर कुछ हिस्से में उसका मकान और दुकानें बनी हैं, जबकि कुछ हिस्से पर खेती होती है. आरोप है कि उसी जमीन को गलत तरीके से फैजान ने अपने नाम रजिस्ट्री करा ली, जो आज तक उसके नाम नहीं दर्ज हुई, जिस मामले में न्यायालय में मुकदमा भी विचाराधीन है. उसी विवादित जमीन को विधायक रमेश सिंह ने अपनी पत्नी नीलम सिंह के नाम न केवल एग्रीमेंट कराया, बल्कि विधायक ने अपने पद और प्रभाव के चलते स्थानीय प्रशासन की शह पर जबरदस्ती कब्जा भी करा लिया.
फर्जीवाड़े का आरोपपीड़ित ने आरोप लगाया कि वर्ष 1985 में उनके पिता मंजूर अहमद काजमी ने कौड़ियां, शाहगंज निवासी दो सगे भाई अब्दुल और अमीन से जमीन रजिस्ट्री कराई थी. इसी जमीन को 27 सितंबर 2024 को अब्दुल और अमीन के परिवार के लोगों ने फैजान को रजिस्ट्री कर दी. इसी को लेकर न्यायालय में मुकदमा हो गया. विवादित जमीन फैजान के नाम खतौनी में दर्ज भी नहीं हुई थी. इसके बावजूद न्यायालय में विचाराधीन इसी विवादित जमीन को फैजान ने शाहगंज के निषाद पार्टी के विधायक रमेश सिंह की पत्नी व जिला पंचायत सदस्य नीलम सिंह के नाम 19 अप्रैल 2025 को रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया. इसके बाद 14 सितंबर को इसी जमीन को बलपूवर्क कब्जा करा लिया गया.
पीड़ित को थाने में बैठाकर कर लिया गया कब्जापीड़ित का आरोप है कि शाहगंज विधायक के निर्देश पर उनकी पत्नी नीलम सिंह के नाम एग्रीमेंट हुई विवादित जमीन पर कब्जा कराने के लिए स्थानीय प्रशासन ने आरोपियों का पूरा साथ दिया. आरोप है कि विधायक के करीब 2 दर्जन लोग वहां जेसीब, ट्रैक्टर लेकर पहुंचे और फिर बाउंड्री वॉल तोड़ दी गई. उसके साथ मारपीट की. पीड़ित की मानें तो उसे सुबह से ले जाकर शाम तक थाने में बिठाकर रखा गया.
घर में लगे CCTV कैमरे तोड़े गएपीड़ित का आरोप है कि जमीन को कब्जाने में स्थानीय प्रशासन का भी सहयोग रहा. अपनी करतूत को छिपाने के लिए पीड़ित के घर लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़े गए. आरोप है कि पत्नी के नाम एग्रीमेंट हुई विवादित जमीन पर कब्जा कराने के बाद विधायक रमेश सिंह लखनऊ निकल गए. इसके बाद पुलिस ने अपने बचाव के लिए पीड़ित और उसके भाइयों के साथ ही विधायक पक्ष से फैजान समेत चार लोगों के खिलाफ भी बीएनएस 170 के तहत शांतिभंग में चालान करके खानापूर्ति कर ली. पीड़ित और उसके दो भाइयों को पुलिस ने सुबह से शाम तक थाने में बैठाए रखा.
CCTV में कैद हुई घटनाहालांकि पीड़ित के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे में जेसीबी से बाउंड्री वॉल तोड़ते हुए देखा गया. बाउंड्री तोड़ने के बाद जब पीड़ित विरोध करने गया तो विधायक के करीबियों ने उसके साथ मारपीट की. बिना किसी सूचना के तत्काल पुलिस भी पहुंच गई. पीड़ित और उसके भाइयों को लेकर थाने चली गई. सीसीटीवी में पुलिस के पहुंचने का समय यह बता रहा है कि पुलिस इसके लिए वहां पहले से तैयार खड़ी थी. इतना ही नहीं जमीन कब्जा करने गए दो युवक सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ते कैद हुए हैं.
पुलिस ने शांतिभंग में कर दिया चालानहालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे सीसीटीवी फुटेज ने शाहगंज पुलिस की कार्यशैली को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. फिलहाल जौनपुर पुलिस इस मामले को केवल दो पक्षों का जमीनी विवाद बताकर दोनों पक्षों का शांतिभंग में चालान करके शांति व्यवस्था कायम होने का दावा कर रही है. अब सवाल ये है कि अगर पुलिस मारपीट होते समय पहुंची तो पीड़ित और दो उसके भाइयों की जमीन पर कब्जा करने गए दो दर्जन से अधिक लोगों को वहां क्यों रहने दिया? जमीन कब्जा करने के लिए लाए गए ट्रैक्टर, जेसीबी को कब्जे में क्यों नहीं लिया. ये सब सवाल पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं.
CM से लगाई न्याय की गुहारजमीन कब्जा होने के बाद शाम को थाने से छोड़े जाने के बाद पीड़ित ने एसपी से लेकर मुख्यमंत्री तक न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित का आरोप है कि न्यायालय में विचाराधीन मामले में विधायक ने अपनी पत्नी नीलम सिंह के नाम एग्रीमेंट कराकर उसे कब्जा करने की नीयत से करीब एक वर्ष पूर्व भी प्रयास किया था, लेकिन जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की गई तो उस समय कब्जा नहीं हो पाया. रविवार को विधायक के इशारे पर उनके आदमियों द्वारा उसकी भूमि को पुलिस की शह पर कब्जा कर लिया गया.
विधायक रमेश सिंह ने दी सफाईइस मामले पर शाहगंज के विधायक रमेश सिंह ने टीवी9 को बताया कि उनके ऊपर लगाए जा रहे सभी आरोप गलत हैं. उन्होंने कहीं कोई जमीन कब्जा नहीं की है. आरोप लगाने वाले अकबर काजमी और फैजान के बीच जमीनी विवाद था. न्यायालय से फैजान के पक्ष में ऑर्डर होने के बाद फैजान ने उस जमीन पर बाउंड्री वॉल निर्माण कराया. फैजान के नाम की जमीन ही उन्होंने अपनी पत्नी नीलम सिंह के नाम एग्रीमेंट कराई है.
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