हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने मणिमहेश यात्रा पर रोक लगा दी है. यात्रा के दौरान तीन श्रद्धालुओं की मौत होने के बाद प्रशासन ने ये रोक लगाई है. तीनों की यात्रियों की अलग-अलग यात्रा मार्ग पर हुई. दो की मौत कुगती मार्ग व एक की हड़सर मार्ग पर पैदल यात्रा करने के दौरान जान चली गई. मृतकों के शव को हड़सर लाया जा रहा है. मृतक की पहचान नहीं हो पाई है, दावा किया जा रहा है कि डेड बाडी के हड़सर पहुंचने पर ही पहचान हो पाएगी. संचार सेवा बाधिक होने की वजह से संपर्क नहीं हो पा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, पांच श्रद्धालु सुंदरासी में लैंडस्लाइड की चपेट में आकर घायल हो गए है. सुंदरासी में भूस्खलन के कारण घायल पांच लोगों को एयरलिफ्ट किया गया. एयरलिफ्ट किए जाने के बाद घायलों को भरमौर के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है. सुंदरासी में भूस्खलन के दौरान घायलों की पहचान हमीरपुर से जमीत सिंह, कांगड़ा के पालमपुर से अनिल कुमार, पंजाब के होशियारपुर से हरप्रीत, तलवाड़ा से अशोक कुमार और कोलकाता से विश्वजय दत्ता का नाम शामिल है. वहीं ये भी सूचना आ रही है कि घायलों के परिजन उनके साथ हैं.
भारी बारिश और मौसम से बिगड़े हालात की वजह से प्रशासन ने यात्रा मार्ग व मणिमहेश डल झील में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को भी वापस बुला लिया है. यात्रा मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो जाने व पुल बहने की वजह से तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को भी एयरलिफ्ट किया गया.
पुल टूटने से फंसे यात्रीप्रशासन के मुताबिक, तेज बहाव के कारण धन्छो में पुल बह गया, जिससे यात्री फंसे हुए थे. पुल को रिस्टोर कर दिया है व श्रद्धालुओं को पैदल मार्ग व हेलीकॉप्टर के जरिए निकाला जा रहा है. मौसम साफ होने की वजह से फंसे हुए यात्रियों को निकालने में आसानी रही. बुधवार सुबह से हेलीकॉप्टर ने गौरीकुंड के लिए उड़ान भरी. पहले घायल पांच लोगों को एयरलिफ्ट किया गया और अब अन्य यात्रियों व स्टाफ को भी भरमौर लाने की कोशिश की गई.
संचार सेवा बाधितचंबा जिला में भारी बारिश व भूस्खलन के कारण कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, संचार सेवा भी बाधित है. तीन दिन से चंबा व भरमौर क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से बंद है. यही वजह से है कि फंसे हुए लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. मोबाइल नेटवर्क रिस्टोर करने की एक टीम सड़कें बंद होने के कारण वह चंबा नहीं पहुंच पा रही है, वो चिवाड़ी तक ही पहुंच सके.
राहत और बचाव में जुटा प्रशासनवहीं प्रशासन की कोशिश है कि पठानकोट-चंबा राष्ट्रीय राजमार्ग को जल्द से जल्द बहला किया जाए. जिससे इमरजेंसी वाहनों की आवाजाही हो सके. इसके अलावा फंसे हुए श्रद्धालुओं के वाहनों को भी निकाला जाएगा. चंबा में फंसे श्रद्धालुओं की प्रशासन हर संभव मदद कर रहा है. लोगों के लिए खाने व रहने की व्यवस्था की गई है. हालांकि लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. बीते तीन दिन से पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी है. श्रद्धालुओं को पीने के लिए पानी की बोतल खरीदनी पड़ रही है.
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