जगदलपुर, 13 सितंबर . छत्तीसगढ़ के बस्तर रेंज पुलिस ने माओवादियों के खिलाफ अपने अभियान को तेज कर दिया है. अब पुलिस को बड़ी सफलता मिली है, क्योंकि प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन की केंद्रीय समिति की सदस्य सुजाता उर्फ कल्पना ने तेलंगाना में आत्मसमर्पण कर लिया है. इतनी बड़ी माओवादी नेता का आत्मसमर्पण माओवादी आंदोलन के लिए गंभीर झटका माना जा रहा है.
सुजाता दण्डकारण्य विशेष जोनल समिति के दक्षिण उप-जोनल ब्यूरो की प्रभारी थी, और उसके ऊपर सुरक्षाबलों ने 40 लाख रुपए का इनाम रखा था. बस्तर रेंज के विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ 72 से अधिक मामले दर्ज थे.
सीपीआई (एम) संगठन की केंद्रीय समिति की सदस्य सुजाता के आत्मसमर्पण की घटना को बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पाट्टलिंगम ने माओवादी विरोधी रणनीति की सफलता बताया. उन्होंने कहा, “सुजाता का आत्मसमर्पण बस्तर में लागू मजबूत और बहुआयामी रणनीति का परिणाम है. पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र बलों और खुफिया एजेंसियों के समन्वित प्रयासों ने माओवादी ढांचे को गहरी चोट पहुंचाई है.”
हाल के महीनों में बस्तर और अन्य माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में माओवादियों को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें कई नेताओं पर कार्रवाई, हथियारों-विस्फोटकों की बरामदगी, और उनके ठिकानों का ध्वस्तीकरण शामिल है.
पाट्टलिंगम ने माओवादी नेतृत्व को चेतावनी दी कि हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा, “हमारी सक्रिय पुलिसिंग और सरकार की विकास-केंद्रित नीतियों ने माओवादियों का जनाधार खत्म कर दिया है.”
सुजाता का आत्मसमर्पण माओवादी संगठन में बढ़ते आत्मविश्वास के संकट को दिखाता है. आईजीपी ने शेष माओवादी कैडर और नेताओं से हथियार डालकर शांति और विकास के रास्ते पर लौटने की अपील की. उन्होंने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान तब तक जारी रहेंगे, जब तक वामपंथी उग्रवाद का पूर्ण अंत नहीं हो जाता. यह आत्मसमर्पण बस्तर के लोगों के लिए सुरक्षित और समृद्ध भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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एससीएच
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