नई दिल्ली, 25 मई . भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए यह मुकाम हासिल किया. हालांकि, अब भारत की इस उपलब्धि पर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि 5-6 अरबपतियों का डेटा निकालकर जापान को पीछे छोड़ने का दावा किया जा रहा है.
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने से बातचीत में कहा, “आप आंकड़ों के साथ जितना चाहें खेल सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि बेरोजगारी ने 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. अमीर और गरीब के बीच असमानता सभी को दिखाई देती है. प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत आज कहां खड़ा है, यह भी सभी के सामने है. मध्यम वर्ग ईएमआई के बोझ तले संघर्ष कर रहा है. एमएसएमई सेक्टर तबाह हो गया है. असंगठित अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई है. इसका जवाब कौन देगा? आप 5-6 अरबपतियों का डेटा निकालकर दावा करते हैं कि हमने जापान को पीछे छोड़ दिया है. लेकिन, यह वास्तविकता को नहीं दर्शाता है. अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता को ही देख लीजिए.”
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भारत के दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का श्रेय पीएम मोदी के नेतृत्व को दिया.
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक नेतृत्व के परिणाम अब देश को साफ तौर पर दिखने लगे हैं. भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को छू चुका है. हर ग्लोबल एजेंसी भविष्यवाणी कर रही है कि आने वाले सालों में हम निस्संदेह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे.”
उन्होंने कहा, “याद कीजिए वो दिन जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी, हम टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में भी नहीं थे. बल्कि भारत को ‘नाजुक पांच’ अर्थव्यवस्थाओं में से एक करार दिया गया था. यानी आजादी के बाद से कांग्रेस के शासन में 70 सालों में हमारी अर्थव्यवस्था ‘नाजुक पांच’ में ही रह गई थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सिर्फ 11 सालों में हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है.”
प्रदीप भंडारी ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भारत मजबूत हुआ है. यह उन लोगों के लिए करारा जवाब है, जो भारत की विकास गाथा को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे. वे चाहते थे कि भारत अपनी प्रगति से भटक जाए, लेकिन आज भारत वैश्विक ताकत बनकर उभरा है.
भंडारी ने कहा, “जो लोग खुद को हार्वर्ड जैसे संस्थानों से पढ़ा हुआ बताते थे, उन्हें भी अब समझ आ गया है कि उनकी नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया. आज भारत की प्रगति प्रधानमंत्री के कठिन परिश्रम, गरीबों, युवाओं, किसानों और उद्यमियों की मेहनत का नतीजा है.”
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एफएम/केआर
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