उज्जैन/खंडवा/देवघर, 11 जुलाई . सावन मास के पहले दिन देशभर के शिव मंदिरों में भक्ति का उत्साह चरम पर है. उज्जैन, खंडवा और देवघर में लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन और जलाभिषेक के लिए उमड़ पड़े हैं. मंदिरों में ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया है. प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं.
मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के मंदिर में सावन के पहले दिन विशेष भस्मारती की गई. सुबह तीन बजे मंदिर के पट खुलते ही भक्तों की कतारें लग गईं, जो देर रात 11 बजे शयन आरती तक जारी रहेंगी. भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक हुआ, और भांग, चंदन, सूखे मेवों व फूलों से उनका श्रृंगार किया गया. रजत मुकुट, शेषनाग और पुष्पमाला से सजे भगवान को मिष्ठान का भोग लगाया गया. ‘जय महाकाल’ के नारों से उज्जैन नगरी गूंज उठी. मंदिर समिति और प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं.
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में भी सावन के पहले दिन हजारों श्रद्धालु पहुंचे. सुबह चार बजे से ही भक्तों ने मां नर्मदा में स्नान कर मन को पवित्र किया और बाबा ओंकार के दर्शन किए.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव दिनभर ब्रह्मांड में विचरण करते हैं, लेकिन रात में ओंकार पर्वत पर शयन करते हैं. इस कारण यहां शयन आरती का विशेष महत्व है. अनुमान है कि पहले दिन करीब 50 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेंगे. मंदिर परिसर भोलेनाथ के जयकारों से गूंज रहा है. प्रशासन ने दर्शन, पार्किंग और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं.
झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सावन के पहले दिन से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू हो गया. लाखों कांवड़िए सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करने पहुंचे. मंदिर को फूलों से सजाया गया, और ‘बोल बम’ के नारों से माहौल भक्तिमय हो गया. श्री गणेश सत्संग मंडल, लिलवा हावड़ा के एक श्रद्धालु ने बताया कि उनकी 40 सदस्यीय टीम ने सुल्तानगंज से जल उठाकर जलाभिषेक किया.
उन्होंने बिहार और झारखंड प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना की, लेकिन भीड़ नियंत्रण के लिए और बेहतर प्रबंध की मांग की. मेला 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन श्रावण पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा.
उत्तर प्रदेश के मेरठ में भी सावन के पहले दिन मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं. भगवान शिव के भक्त सुबह से ही शिवलिंग पर जल चढ़ाने और पूजा-अर्चना करने पहुंचे. सावन में Monday का व्रत और बेलपत्र अर्पित करने की परंपरा का विशेष महत्व है. मंदिरों में भक्ति का माहौल है और श्रद्धालु भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्साहित हैं.
सावन का यह पवित्र माह 30 दिनों तक चलेगा, और इस दौरान देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों का उत्साह इसी तरह बना रहेगा. प्रशासन ने सभी प्रमुख तीर्थ स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए हैं, ताकि भक्त बिना किसी परेशानी के दर्शन और पूजा कर सकें.
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एसएचके/केआर
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