Next Story
Newszop

युवाओं के लिए 'नशा' सबसे बड़ी समस्या, सरकार नार्को-कार्टेल पर सख्त: अमित शाह

Send Push

नई दिल्ली, 26 जून . केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी दिवस पर कहा कि नशा हमारे युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. सरकार नशा तस्करी करने वाले गिरोहों (नार्को-कार्टेल) के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और नशे की लत में फंसे युवाओं को सामान्य जीवन में वापस लाने के लिए काम कर रही है.

26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी और अवैध तस्करी दिवस के अवसर पर अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स हैंडल पर पोस्ट कर यह बात कही.

हर साल 26 जून को विश्व स्तर पर नशा विरोधी दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य नशे से मुक्त समाज के लिए कार्रवाई और सहयोग को मजबूत करना है.

शाह ने पोस्ट में कहा, “ड्रग्स हमारे युवाओं के लिए सबसे बड़ा संकट है. मोदी सरकार इस खतरे से निपटने के लिए अन्य सरकारों के साथ काम कर रही है और नार्को-कार्टेल के लिए काम कर रही है और नशे की लत में फंसे युवाओं को सामान्य जीवन में वापस ला रही है.”

इस साल का अभियान ‘ब्रेक द साइकल’, स्टॉप ऑर्गनाइज्ड क्राइम’ है, जो ड्रग ट्रैफिकिंग और संगठित अपराध को रोकने के लिए लंबे समय तक समन्वित कार्रवाई की जरूरत पर जोर देता है. इसके लिए मूल कारणों को दूर करना, रोकथाम में निवेश करना और स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक व्यवस्थाओं को मजबूत करना जरूरी है.

भारत सरकार ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जून, 2025 में देशव्यापी जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए हैं. सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अनुसार, अब तक 15.78 करोड़ से अधिक लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया है, जिसमें 5.26 करोड़ युवा और 3.31 करोड़ महिलाएं शामिल हैं.

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव ने एक्स पर कहा, “विभाग बड़ी संख्या में नागरिकों, खासकर छात्रों और युवाओं तक पहुंच रहा है ताकि नशीली दवाओं की समस्या से लड़ने के लिए जागरूकता और सहयोग बढ़ाया जा सके.”

विश्व नशा रिपोर्ट 2025 के मुताबिक, संगठित नशा तस्करी समूह वैश्विक संकटों का फायदा उठाकर कमजोर वर्गों को निशाना बना रहे हैं. साल 2023 में 31.6 करोड़ लोगों ने नशे का सेवन किया, जो 15-64 आयु वर्ग की 6 प्रतिशत आबादी है. भांग (24.4 करोड़), ओपिओइड (6.1 करोड़), एम्फेटामाइन (3.07 करोड़), कोकीन (2.5 करोड़) और एक्स्टसी (2.1 करोड़) सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले नशीले पदार्थ हैं.

भारत में नशे के खिलाफ सख्त कानून है. नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 गैर-चिकित्सीय नशे के उपयोग को रोकता है और इलाज चाहने वालों को छूट देता है.

साल 1988 का अवैध तस्करी कानून दोहराने वाले तस्करों को हिरासत में लेने की शक्ति देता है. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 दवाओं के उत्पादन और वितरण को नियंत्रित करता है.

एमटी/केआर

Loving Newspoint? Download the app now