मधुबनी, 9 नवंबर . उत्तर प्रदेश के Chief Minister और भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने Sunday को गांधी नगर, सिमरी में बिस्फी विधानसभा के लिए आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और राजद पर जमकर हमला बोला. भाषण की शुरुआत उन्होंने माता जानकी की पावन धरा को कोटि-कोटि नमन से की और कहा कि यह धरती नालंदा जैसी शिक्षा स्थली रही, पर कुछ लोगों ने इसे फिर से अराजकता की ओर धकेलने का प्रयास किया है.
सीएम योगी ने कांग्रेस और राजद को बिहार के गौरवशाली अतीत पर कलंक लगाने वाला बताया और कहा कि महागठबंधन ने जाति के नाम पर समाज को बांटकर, जातीय सेनाएं खड़ी कराकर खानदानी माफिया को संरक्षण दिया और इस वजह से बिहार पिछड़ गया तथा नौजवानों और अन्नदाताओं की हालत दयनीय हुई.
उन्होंने कहा कि यही लोग बिहार में एक बार फिर जंगलराज लाना चाहते हैं. इस खतरे को रोकने के लिए एनडीए ही विकल्प है. मधुबनी संवेदनशील जिला है, यहां पर घुसपैठियों का लॉन्चिंग पैड नहीं बनने देना है.
उन्होंने कहा कि नालंदा, जिसने दुनिया को ज्ञान दिया, उस बिहार की भूमि को वे (कांग्रेस-राजद) कलंकित कर गए. बहन, बेटियों और व्यापारियों की सुरक्षा में जो सेंध लगाई गई, उसका दोषी यह गठबंधन है. सभा में सीएम योगी ने क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का भी हवाला दिया, उन्होंने मधुबनी पेंटिंग, विद्वान साहित्यकारों और स्थानीय परंपराओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन सबका सम्मान एनडीए ही कर रहा है.
भाषण के दौरान Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने यूपी में अराजक तत्वों के खिलाफ हुई कठोर कार्रवाई का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां माफिया के ऊपर बुलडोजर चला, वहीं उनकी संपत्ति जब्त कर गरीबों के लिए हवेलियां बनाई गईं. यूपी में यदि किसी की बेटी, व्यापारी की सुरक्षा या किसी गरीब के घर पर अवैध कब्जा करने का प्रयास हुआ तो यमराज के घर का टिकट पक्का है. सीएम योगी ने यह दावा भी दोहराया कि एनडीए की शासन नीति ही शांति व विकास दोनों सुनिश्चित कर सकती है.
सीएम योगी ने राममंदिर आंदोलन और अयोध्या के विकास का उदाहरण देते हुए कहा कि जिन लोगों ने कभी रामलला का विरोध किया था, उन्हें दोबारा सत्ता में नहीं आने देना है. उन्होंने कांग्रेस, राजद और सपा को रामद्रोही करार देते हुए कहा कि जो राम का नहीं, वह किसी काम का नहीं.
उन्होंने कहा कि अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, रैनबसेरे व प्रसाद निर्माण स्थलों के नामकरण से सभी सांस्कृतिक प्रतीकों को सम्मान मिला है और अब सीतामढ़ी में माता जानकी के मंदिर का काम भी शुरू हो चुका है. यह आस्था के सम्मान का परिणाम है.
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एसके/एबीएम
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