नई दिल्ली, 7 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने बुधवार को संशोधित ‘शक्ति’ नीति के अंतर्गत केंद्रीय क्षेत्र, राज्य क्षेत्र और स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) के ताप विद्युत संयंत्रों को नए कोयला लिंकेज प्रदान करने की मंजूरी दी.
आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस मंजूरी के तहत कोयला लिंकेज को ‘विंडो-I’ में अधिसूचित कीमत पर केंद्रीय और राज्यों को दिया जाना है. वहीं, कोयला लिंकेज को ‘विंडो-II’ में अधिसूचित कीमत से प्रीमियम पर उत्पादन इकाइयों (जेनको) को दिया जाता है.
बयान में कहा गया है कि विंडो-I में संयुक्त उद्यमों (जेवी) और उनकी सहायक कंपनियों सहित केंद्रीय क्षेत्र की ताप विद्युत परियोजनाओं (टीपीपी) को कोयला लिंकेज प्रदान करने की मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी.
विद्युत मंत्रालय की सिफारिश पर, मौजूदा तंत्र के अनुसार राज्यों और राज्यों के समूह द्वारा अधिकृत एजेंसी को कोयला लिंकेज निर्धारित किए जाएंगे. राज्यों को निर्धारित कोयला लिंकेज का उपयोग राज्य अपने स्वयं के जेनको, टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के माध्यम से पहचाने जाने वाले स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) या विद्युत कानून, 2003 की धारा 62 के तहत विद्युत खरीद समझौता (पीपीए) वाले मौजूदा आईपीपी द्वारा धारा 62 के तहत पीपीए वाली नई विस्तार इकाई की स्थापना के लिए कर सकते हैं.
वहीं, विंडो-II जहां अधिसूचित कीमत से अधिक पर कोयला लिंकेज प्रदान किए जाने हैं. कोई भी घरेलू कोयला आधारित विद्युत उत्पादक जिसके पास पीपीए है या आयातित कोयला आधारित विद्युत संयंत्र अधिसूचित मूल्य से अधिक प्रीमियम का भुगतान करके 12 महीने तक की अवधि के लिए या 12 महीने से अधिक की अवधि से लेकर 25 वर्ष तक की अवधि के लिए नीलामी के आधार पर कोयला प्राप्त कर सकता है और विद्युत संयंत्रों को अपनी पसंद के अनुसार विद्युत बेचने की सुविधा प्रदान कर सकता है.
सरकारी बयान में बताया गया कि लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), सिंगरैनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) को निर्देश जारी किए जाएंगे.
इसके अलावा, संबंधित मंत्रालयों और सभी राज्यों को भी संशोधित शक्ति नीति से अवगत कराया जाएगा, जिससे संबंधित विभागों/प्राधिकरणों और नियामक आयोगों को भी इसके बारे में बताया जा सके.
व्यापार करने में आसानी की भावना से संशोधित शक्ति नीति की शुरुआत के साथ कोयला आवंटन के लिए मौजूदा आठ पैरा को केवल दो विंडो में मैप किया गया है.
संशोधित शक्ति नीति विद्युत संयंत्रों को दीर्घकालिक और अल्पकालिक मांग के आधार पर अपनी कोयला आवश्यकता को पूरा करने की योजना बनाने में सक्षम बनाएगी.
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एबीएस/एबीएम
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