बीजिंग, 12 जुलाई . फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित 47वें यूनेस्को विश्व धरोहर सम्मेलन में, चीन द्वारा आवेदित ‘शीश्या शाही मकबरों’ को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया. अब तक, चीनी विश्व धरोहर स्थलों की कुल संख्या 60 तक पहुंच चुकी है.
शीश्या शाही मकबरे, शीश्या राजवंश (1038-1227) के समाधि स्थलों का एक समूह हैं, जिन्हें 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच पश्चिमोत्तर चीन में तत्कालीन तांगश्यांग जातीय लोगों द्वारा स्थापित किया गया था. ये निंगश्या ह्वेइ जातीय स्वायत्त प्रदेश की राजधानी यिनछ्वान में स्थित है, जो लगभग 40 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं.
शीश्या मकबरों में 9 शाही मकबरे, 271 कब्रें, 50,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में फैले उत्तरी भवन के खंडहर और 32 बाढ़ नियंत्रण परियोजना स्थल शामिल हैं, जो हेलान पर्वत की चोटियों के साथ मिलकर मकबरे क्षेत्र का एक शानदार परिदृश्य बनाते हैं.
शीश्या मकबरे शीश्या राजवंश के सबसे बड़े, उच्चतम स्तर के और सबसे पूर्ण पुरातात्विक अवशेष हैं, जो आज तक बचे हुए हैं और वे सिल्क रोड पर रिले हब के रूप में शीश्या राजवंश की स्थिति को प्रदर्शित करते हैं. मकबरों ने तत्काल प्राचीन तांगश्यांग, थूपो, ह्वेइहु, छीतान, न्य्वुचन जैसे विभिन्न जातीय समूहों की सांस्कृतिक परंपराओं को आत्मसात किया, जो इस अवधि के दौरान विभिन्न जातियों, विभिन्न व्यवसायों और विभिन्न संस्कृतियों के बीच आदान-प्रदान से उत्पन्न सांस्कृतिक एकीकरण और नवाचार विशेषताओं को प्रदर्शित करता है.
शीश्या मकबरों को आज तक प्रामाणिक रूप से और पूरी तरह से संरक्षित किया गया है, जो चीनी सभ्यता की विविध और एकीकृत संरचना और एकीकृत बहु-जातीय देश के गठन की प्रक्रिया का महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रदान करता है, और विश्व सभ्यता के इतिहास में उनका एक अपूरणीय और महत्वपूर्ण स्थान है.
इस यूनेस्को विश्व धरोहर सम्मेलन में चीनी संस्कृति और पर्यटन उप मंत्री, राष्ट्रीय सांस्कृतिक विरासत ब्यूरो के निदेशक राओ छ्य्वान ने चीन सरकार की ओर से ‘शीश्या शाही मकबरे’ परियोजना और चीन के विश्व सांस्कृतिक विरासत कार्य को मान्यता देने और समर्थन देने के लिए सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और अनुबंध पक्षों को धन्यवाद दिया और कहा कि चीन सरकार विश्व विरासत सम्मेलन के तहत अपने दायित्वों को दृढ़तापूर्वक पूरा करती रहेगी और यह सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करेगी कि ‘शीश्या शाही मकबरों’ का उत्कृष्ट मूल्य व्यापक रूप से प्रसारित हो और स्थायी रूप से विरासत में मिले.
उन्होंने यह भी कहा कि चीन सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के समग्र और व्यवस्थित संरक्षण को और मजबूत करेगा, विरासत संरक्षण की क्षमता और स्तर को प्रभावी ढंग से सुधार करेगा, और दुनिया भर के देशों के साथ मिलकर अपना अनुभव और मामलों को साझा करेगा, पेशेवर और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, ताकि संयुक्त रूप से सभी मानव जाति के सांस्कृतिक खजाने की रक्षा की जा सके.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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एबीएम/
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