ढाका, 8 अगस्त . बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने Friday को कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी पर देश की 1971 की मुक्ति संग्राम की यादों को जनता के मन से मिटाने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बीएनपी ने यह भी कहा कि जमात आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) प्रणाली का उपयोग आगामी आम चुनावों में देरी करने के लिए कर रही है.
ढाका स्थित नेशनल प्रेस क्लब में आयोजित “जनता के उभार की वर्षगांठ: त्वरित न्याय, मौलिक सुधार और राष्ट्रीय संसदीय चुनाव” विषयक एक चर्चा में बीएनपी की स्थायी समिति के सदस्य मेजर (सेवानिवृत्त) हाफिज उद्दीन अहमद ने कहा, “देश की जनता पीआर प्रणाली को समझती ही नहीं है. इसलिए आवश्यक है कि राष्ट्रीय चुनाव मौजूदा प्रणाली के तहत ही कराए जाएं.” उन्होंने यह भी कहा कि जमात द्वारा दिए जा रहे बयानों को सुनकर लोग हैरान हैं.
आगामी राष्ट्रीय चुनावों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए हाफिज उद्दीन ने कहा, “इस पुलिस व्यवस्था के साथ शांतिपूर्ण चुनाव कराना मुश्किल है, जिसमें पिछले एक साल में कोई सुधार नहीं हुआ है.”
पिछले सप्ताह भी उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा था कि एक राजनीतिक पार्टी, जिसने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का विरोध किया था, अब यह दावा करने की कोशिश कर रही है कि देश ने 1971 में गलती की थी.
उन्होंने तीखे लहजे में कहा, “दुनिया के किसी भी देश में गैर-निर्वाचित लोग संविधान नहीं बदलते. जिन्होंने 1972 में अपने खून से संविधान बनाया, वे आज उसे बदलने की बात कैसे सुन सकते हैं? यह पार्टी कहती है कि बांग्लादेश एक भटका हुआ देश था और 1971 में उसने गलती की थी.”
हालांकि उन्होंने पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह स्पष्ट रूप से जमात-ए-इस्लामी की ओर इशारा था.
इस साल की शुरुआत में भी हाफिज उद्दीन ने जमात के रवैये पर निराशा जताई थी. उन्होंने कहा था कि जमात ने 1971 में की गई अपनी भूमिका के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की बजाय उसे सही ठहराने की कोशिश की.
उल्लेखनीय है कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान जमात ने पाकिस्तान का समर्थन किया था और उसके कई नेताओं पर युद्ध अपराधों में संलिप्त रहने के आरोप लगे थे.
पिछले साल सत्ता में आने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने एक राजपत्र के जरिए जमात और उसकी छात्र इकाई इस्लामी छात्र शिबिर पर से प्रतिबंध हटा दिया था.
साथ ही, जून में बांग्लादेश के Supreme court ने जमात का पंजीकरण बहाल कर दिया, जिससे उसे आगामी आम चुनावों में भाग लेने का रास्ता मिल गया.
–
डीएससी/
The post जमात बांग्लादेश की मुक्ति संग्राम की यादें मिटाने की कोशिश कर रही: बीएनपी appeared first on indias news.
You may also like
Aaj ka Rashifal 9 August 2025 : मेष से मीन तक, कौन होगा विजेता और किसके लिए दिन होगा चुनौतीपूर्ण
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में विजेताओं की घोषणा
Aaj ka Love Rashifal 9 August 2025 : दिल की धड़कनें तेज होंगी या होंगे दूरियां? पढ़ें आज का लव राशिफल
महेश बाबू की फिल्म 'अथाड़ू 4K' ने फिर से बुकिंग में मचाई धूम
देश के सरकारी बैंकों ने बनाया रिकॉर्ड, 3 महीने में कमाए 44218 करोड़, SBI सबसे आगे