नई दिल्ली, 7 जुलाई पिछले दो वित्तीय वर्षों में धीमी वृद्धि दर्ज करने के बाद वित्त वर्ष 2026 में भारत में वाणिज्यिक वाहनों (सीवी) की थोक बिक्री में लगभग 2-5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है. यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई.
केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष में मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहन (एमएचसीवी) सेगमेंट में 4-6 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जबकि इसी अवधि में हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) सेगमेंट में 2-4 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है.
कैरएज रेटिंग्स की एसोसिएट डायरेक्टर आरती रॉय ने कहा, “वाणिज्यिक वाहन (सीवी) उद्योग में मध्यम वृद्धि का अनुभव होने की उम्मीद है, वित्त वर्ष 2026 में कुल बिक्री मात्रा में लगभग 2-5 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है.”
रॉय ने बताया कि यह सुधार बुनियादी ढांचे की गतिविधियों में वृद्धि, सामान्य मानसून पूर्वानुमान के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर भावना, हाल ही में ब्याज दरों में कटौती के कारण वाहनों के लिए अधिक आकर्षक फाइनेंसिंग और पुराने वाहनों के कारण विशेष रूप से बस सेगमेंट में चल रहे बेड़े के प्रतिस्थापन, पुराने वाहनों के लिए स्क्रैपेज नीति के तहत नए वाहनों के लिए उपलब्ध सड़क कर रियायतें और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में बदलाव के कारण होगा.
वित्त वर्ष 25 में धीमी वृद्धि एमएचसीवी और एलसीवी दोनों सेगमेंट में कमजोर मांग के कारण हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कम मांग के बावजूद, एमएचसीवी वॉल्यूम में 1.2 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई, जबकि एलसीवी वॉल्यूम में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई.
केयरएज रेटिंग्स के निदेशक हार्दिक शाह ने कहा, “वित्त वर्ष 2019 में भारतीय सीवी उद्योग ने अपनी उच्चतम बिक्री मात्रा देखी थी और कोविड-19 महामारी से प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने के बाद, उद्योग वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 में बिक्री मात्रा में मजबूत वृद्धि के बाद सर्वकालिक उच्चतम स्तर को पार करने की राह पर है.”
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एबीएस/
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