दिल्ली, 26 अक्टूबर . दिल्ली छावनी स्थित करिअप्पा परेड ग्राउंड में Sunday सुबह 79वें शौर्य दिवस की स्मृति में ‘शौर्यवीर – रन फॉर इंडिया 2025’ दौड़ का आयोजन किया गया. इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने इस दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
उनके साथ उप थल सेनाध्यक्ष सहित थल सेना के अनेक वरिष्ठ अधिकारी, जवान, पेशेवर खिलाड़ी, फिटनेस प्रेमी तथा बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया. शौर्य दिवस के ऐतिहासिक महत्व की बात करें तो शौर्य दिवस (इन्फैंट्री डे), इन्फैंट्री के पराक्रम की याद में मनाया जाता है.
यह वही दिन है जब 1947 में 1 सिख रेजिमेंट के वीर जवानों ने श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतरकर Pakistan समर्थित घुसपैठियों को खदेड़ा था. यह निर्णायक कार्रवाई जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा और अखंडता सुनिश्चित करने वाला ऐतिहासिक क्षण थी. यह दौड़ भारतीय सेना के अदम्य साहस, पराक्रम और देशभक्ति की भावना को समर्पित रही. प्रतिभागियों ने देशभक्ति के जोश के साथ 3 किलोमीटर की दूरी पूरी की और भारतीय सेना के वीर सपूतों के प्रति सम्मान व्यक्त किया.
इस अवसर पर भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि आज के इस आयोजन में सिविलियन की भागीदारी काफी बड़ी संख्या में रही. भारतीय सेना को समर्थन देने के लिए बड़ी संख्या में सिविलियन इस दौड़ में शामिल हुए. स्थिति यह थी कि 8 हजार धावकों में से दो तिहाई धावक सिविलियन थे. सेना प्रमुख ने इस समर्थन के लिए लोगों का धन्यवाद किया.
सेना प्रमुख ने बताया कि आज देशभर में 21 स्थानों पर यह दौड़ आयोजित की गई जिसमें 35 हजार से अधिक लोग शामिल हुए हैं. यह दौड़ 21 किलोमीटर,10 किलोमीटर, 5 किलोमीटर और 3 किलोमीटर के वर्ग आयोजित की गई है. 79वां शौर्य दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में सेना के कई पूर्व अधिकारी भी मौजूद रहे. यहां अपने बेटे व पोते के साथ इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बनने पहुंचे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जे.के. शर्मा ने कहा कि शौर्यवीर रन में शामिल होना उनके लिए अत्यंत गर्व का क्षण है.
विशेषकर जब वह अपने बेटे और पोते के साथ इस दौड़ में भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए केवल एक दौड़ नहीं, बल्कि पीढ़ियों को जोड़ने वाला गौरवशाली अवसर है, जो सैनिकों के साहस और त्याग की भावना का प्रतीक है.” शौर्य दिवस, भारतीय सेना की पैदल सेना (इन्फैंट्री) के पराक्रम, बलिदान और अटूट जज्बे को नमन करता है. यह बीते भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास को इसकी आधुनिक पहचान से जोड़ता है.
गौरतलब है कि अटूट शक्ति, सहनशीलता, अनुशासन और नैतिक साहस भारतीय इन्फैंट्री की पहचान हैं.इन्फैंट्री की दृढ़ता ने उसे विश्वभर में विशिष्ट पहचान दी है. भारतीय सेना के ‘सेवा, समर्पण और शौर्य’ के मूल मूल्यों पर आधारित यह परंपरा निरंतर आगे बढ़ रही है.
वहीं ‘शौर्यवीर – रन फॉर इंडिया 2025’ ने देशवासियों को यह संदेश दिया कि India का हर नागरिक अपने सैनिकों के शौर्य और बलिदान से प्रेरित होकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकता है. शौर्य दिवस केवल एक सैन्य परंपरा नहीं, बल्कि हर भारतीय के गर्व और एकता का प्रतीक है.
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जीसीबी/एएस
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