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इटावा के कथावाचकों की बढ़ी मुश्किलें, जाति छिपाने और फर्जी आधार कार्ड बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज

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इटावा, 26 जून . इटावा के कथावाचक अपमान केस में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. इटावा पुलिस ने दोनों कथावाचकों के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने के मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है.

पुलिस ने कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत सिंह यादव के खिलाफ ये मुकदमा इटावा के बकेवर थाने में दर्ज किया है.

दरअसल, इटावा के बकेवर इलाके में स्थित दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान जाति छुपाने के मुद्दे पर 21 जून को दोनों कथावाचकों की पिटाई की गई थी. इस दौरान उनके बाल भी काट दिए गए थे. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उन्हें जेल भेज दिया था.

हालांकि, इस मामले में सियासत तेज होने के बाद दोनों कथावाचकों पर फर्जी आधार कार्ड बनाने और जाति छुपाकर कथा करने का आरोप लगा था. इस मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि मुकुट मणि यादव के पास दो आधार कार्ड मिले हैं, जिन पर दो अलग-अलग नाम हैं.

इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले में जांच शुरू कर दी है.

कथावाचकों के साथ हुई अभद्रता को लेकर सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने एक्स अकाउंट पर लिखा था, “इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई. हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है, ये व्यक्ति की गरिमा और प्रतिष्ठा से जीवन जीने के मौलिक अधिकार के विरुद्ध किया गया अपराध है. सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और यथोचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए. अगर आगामी 3 दिनों में कड़ी कार्रवाई नही हुई तो हम ‘पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा’ के एक बड़े आंदोलन का आह्वान कर देंगे.”

इसके बाद, दोनों कथावाचकों ने लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी. अखिलेश ने एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा था, “‘इटावा कथावाचन पीडीए अपमान कांड’ के पीड़ितों का सम्मान किया गया और उनकी आर्थिक हानि के लिए सहायता राशि दी गई और जिस दृष्टिहीन कलाकार की ढोलक छीनी गयी, उसे नई ढोल भी दी गई.”

एफएम/केआर

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