इस बार मानसून केरल में समय से पहले दस्तक देने के बाद 25 मई को महाराष्ट्र में पहुंच गया। मौसम विभाग ने इसकी पुष्टि कर दी है। आमतौर पर मानसून 7 जून को राज्य में पहुंचता है, लेकिन इस बार यह 12 दिन पहले आ गया, जो किसानों के लिए राहत की खबर है। हालांकि, इसके साथ ही भारी बारिश ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है।
बारिश से बर्बादी का मंजर, नहर टूटी, सड़कें जलमग्न
बारामती और दौंड इलाके में भारी वर्षा से बाढ़ जैसे हालात बन गए। 25 मई की बारिश के चलते बारामती की नीरा डावा नहर टूट गई, जिससे पानी तेजी से पालखी हाईवे पर फैल गया और काटेवाड़ी-भवानीनगर मार्ग बंद करना पड़ा। 150 से ज्यादा घरों में पानी घुस गया। प्रशासन अलर्ट मोड पर है और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्य में लगी हैं।
पुणे में भारी वर्षा का असर, कई गांवों में नुकसान
पुणे जिले में रविवार को 22.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारामती और इंदापुर तहसील के कई गांवों में जलभराव हुआ, जिससे लोगों को भारी परेशानी हुई। पिंपळी क्षेत्र में नहर फूटने से खेती को नुकसान पहुंचा है।
दौंड और पुणे-सोलापुर हाईवे भी प्रभावित
दौंड में स्थिति बिगड़ गई है। पुणे-सोलापुर हाईवे पर पानी भरने से यातायात बाधित हुआ। एक इनोवा कार बह गई, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। पेन्सिल चौक के पास दो कमजोर इमारतों में रहने वाले परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
नेताओं की सक्रियता और राहत प्रयास
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बारामती दौरे की घोषणा की है और प्रशासन को सतर्क रहने को कहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और सभी विभागों को अलर्ट पर रखा है। सांसद सुप्रिया सुले ने नागरिकों से सतर्क रहने और प्रशासन को राहत कार्य में तेजी लाने की अपील की है।
एकनाथ शिंदे की समीक्षा
रविवार रात पुणे और नासिक में भारी वर्षा के बाद उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जिलाधिकारियों से जानकारी ली और दुर्गम गांवों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समय-समय पर हालात की निगरानी जरूरी है।
मुख्यमंत्री की निगरानी और एनडीआरएफ की तैनाती
मुंबई, ठाणे, पुणे और बारामती जैसे क्षेत्रों में बारिश का गहरा असर देखा गया। मुख्यमंत्री फडणवीस और डिप्टी सीएम शिंदे ने सभी सुरक्षा व्यवस्थाओं को अलर्ट पर रखने के आदेश दिए हैं। एनडीआरएफ की टीमें बारामती, इंदापुर और सोलापुर भेजी गई हैं।
मुंबई में मानसून पहुंचने की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों में मानसून मुंबई पहुंच सकता है। 24 मई को केरल पहुंचने के बाद, 25 मई को यह महाराष्ट्र में दाखिल हो गया था। हालांकि, मुंबई में मानसून के पहुंचने में थोड़ा समय लग सकता है।
इतिहास में मई में कब-कब मुंबई पहुंचा मानसून:
1956, 1962, 1971 में 29 मई
1990, 2006 में 31 मई
राज्य के अन्य हिस्सों में भारी वर्षा का असर
दक्षिण कोंकण और गोवा क्षेत्र में निम्न दबाव के चलते पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है। अगले 36 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। कई जगह नदियां और नाले उफान पर हैं और जनजीवन प्रभावित हुआ है।
राज्य में मानसून की समय से पहले दस्तक
इस बार मानसून ने 12 दिन पहले ही महाराष्ट्र में एंट्री कर ली है, जिससे किसानों को राहत मिली है। तलकोकण क्षेत्र के देवगढ़ में इसकी शुरुआत हुई है, और मुंबई समेत अन्य क्षेत्रों में जल्द ही इसके पहुंचने की संभावना है।
कोंकण, कोल्हापुर और मराठवाड़ा में अलर्ट
दक्षिण पश्चिम मानसून ने केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के तटीय भागों को कवर कर लिया है। अगले पांच दिनों तक रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, कोल्हापुर, सांगली और सातारा में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। कोंकण-गोवा के दक्षिणी जिलों और मराठवाड़ा में भी तेज बारिश का अनुमान है।
तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना
उत्तर कोंकण और उत्तर मध्य महाराष्ट्र में तेज हवाओं (40-50 किमी/घंटा) के साथ आंधी और बिजली गिरने की संभावना है। मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों में भी भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।
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