अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर से टैरिफ का बम फोड़ दिया है और इस बार इसके असर से बच पाना कई देशों के लिए मुश्किल साबित हो सकता है। शनिवार को ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर एक लेटर पोस्ट किया, जिसे देखकर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मच गई। उन्होंने लिखा कि मैक्सिको और यूरोपियन यूनियन से आने वाले सामानों पर अब 30% का टैरिफ लगाया जाएगा। यह फैसला 1 अगस्त से लागू होगा, जिससे दुनियाभर के कारोबारियों की धड़कनें तेज हो गई हैं।
क्या कुछ दलील इस बार ट्रंप ने दी है?
इस बार ट्रंप ने अमेरिका के दो सबसे बड़े ट्रेड पार्टनर्स—मैक्सिको और यूरोपियन यूनियन—को निशाने पर लिया है। मैक्सिको के नेता को भेजे गए पत्र में उन्होंने स्वीकार किया कि मैक्सिको ने अवैध प्रवासियों की समस्या को नियंत्रित करने में अमेरिका की कुछ हद तक मदद की है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि देश उत्तरी अमेरिका को “नार्को-तस्करी का मैदान” बनने से रोकने में पूरी तरह सफल नहीं रहा है।
ट्रंप ने अपने लेटर में यह भी आरोप लगाया कि यूरोपीय संघ के साथ अमेरिका का व्यापार असंतुलन अब असहनीय हो गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी श्रमिकों और कारोबारियों के हितों की रक्षा करना अब ज़रूरी हो गया है, जिससे आम अमेरिकी परिवारों पर आर्थिक दबाव कम किया जा सके।
7 देशों के प्रमुखों को भी भेजा गया है लेटर
ट्रंप की योजना सिर्फ यूरोप और मैक्सिको तक सीमित नहीं रही। तीन दिन पहले उन्होंने अल्जीरिया, इराक, लिबिया, फिलिपींस, श्रीलंका सहित 7 देशों के प्रमुखों को भी लेटर भेजा था। इन पत्रों में उन्होंने निष्पक्ष और संतुलित व्यापार की अपील करते हुए 25 से 30 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। यह कदम, ट्रंप के मुताबिक, अमेरिकी उद्योगों को दोबारा खड़ा करने की दिशा में एक निर्णायक कोशिश है।
बीते हफ्ते इन देशों पर भी बरसा टैरिफ का कहर
बीते हफ्ते ट्रंप ने जापान, साउथ कोरिया, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों पर 50% का टैरिफ लगा दिया था। यह टैरिफ खासतौर पर कॉपपर यानी तांबे पर लगाया गया है। अमेरिकी व्यापार मंत्रालय के अनुसार यह फैसला घरेलू खनन और उत्पादन को फिर से मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है।
ये देश 25 से 40% तक के टैरिफ का कर रहे हैं सामना
जापान और साउथ कोरिया को चेतावनी दी गई है कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो उनके कई उत्पादों पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लागू कर दिया जाएगा। वहीं इंडोनेशिया, बांग्लादेश, थाईलैंड, साउथ अफ्रीका और मलेशिया जैसे देश पहले से ही 25 से 40 प्रतिशत तक के टैरिफ का सामना कर रहे हैं, जिससे वहां के निर्यातक चिंतित हैं और आम लोगों की जेब पर भी असर पड़ रहा है।
बांग्लादेश के साथ बातचीत फिर रही बेनतीजा
बांग्लादेश और अमेरिका के बीच टैरिफ पर जारी बातचीत एक बार फिर बेनतीजा रही है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, तीन दिनों में यह दूसरी बार था जब दोनों देशों के बीच टैरिफ मुद्दे पर बैठक हुई, लेकिन कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया। इससे बांग्लादेशी व्यापारियों में असमंजस और चिंता दोनों बढ़ गई है, क्योंकि उनके लिए अमेरिकी बाज़ार एक बड़ा सहारा है।
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