शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की विवादित टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने बयान में उन्हें ‘लकड़बग्घा’ करार देते हुए कहा कि ऐसे लोग समाज में नफरत की आग फैलाकर सद्भाव की जड़ों को खोखला करने में लगे हैं। दुबे ने मराठी-हिंदी विवाद के बीच कथित तौर पर कहा था कि “पटक पटक के मारेंगे” — एक ऐसी टिप्पणी जिसने हर समझदार नागरिक को चौंका दिया।
उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि दुबे जैसे लोग लोगों को बांटकर, भाषा और पहचान की आड़ में आपसी सौहार्द को तोड़ने का काम कर रहे हैं। यह दर्द सिर्फ एक नेता का नहीं, बल्कि उस आम मराठी व्यक्ति का भी है, जो अपने घर में शांति और सम्मान से जीना चाहता है।
“फूट डालो और राज करो” की नीति अब नहीं चलेगी: उद्धव ठाकरे
ठाकरे ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पार्टी शुरू से ही “फूट डालो और राज करो” की नीति पर चल रही है। उन्होंने विधान भवन में कहा, “अब इस राजनीति की प्रासंगिकता खत्म हो चुकी है। ये देश अब नफरत की सियासत से ऊब चुका है।” उद्धव ने यह भी कहा कि शनिवार को मुंबई में उनकी पार्टी की रैली से बीजेपी घबरा गई है – और शायद इसी बेचैनी में ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान सामने आ रहे हैं।
बता दें कि मनसे के एक कार्यकर्ता द्वारा दुकानदार की पिटाई को लेकर विवाद पहले से ही चल रहा है। ऐसे में निशिकांत दुबे द्वारा मनसे प्रमुख राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए यह कहना कि “पटक पटक के मारेंगे”, मामला और भी संवेदनशील बना देता है।
“उर्दू भाषियों को मारकर दिखाओ” – सोशल मीडिया पर भड़के दुबे
दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि “हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वाले यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ”। उन्होंने यह भी लिखा, “अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है।”
इस बयान ने सामाजिक शांति में जहर घोलने जैसा काम किया और इंटरनेट पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। उद्धव ने इस बयान को पूरी तरह भड़काऊ और गैर-जिम्मेदार करार दिया।
उद्धव का कड़ा पलटवार – “सद्भाव तोड़ने वालों से सतर्क रहें”
उद्धव ठाकरे ने मराठी समाज के आत्मसम्मान की बात करते हुए कहा कि निशिकांत दुबे जैसे लोग लकड़बग्घों की तरह राज्य में अशांति और डर का माहौल बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम किसी भाषा के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन जबरन किसी भाषा को थोपना किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी नेताओं का एकमात्र एजेंडा लोगों को भड़काना है। उन्होंने मराठी और गैर-मराठी भाषियों के बीच दरार डालने की साजिश पर चिंता जताई और जनता से अपील की कि “ऐसे बयानबाज़ों की नीयत को पहचानिए और उनके बहकावे में मत आइए।”
“मराठी अधिकारों की तुलना आतंकवाद से? शर्मनाक है ये सोच”
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी मंत्री आशीष शेलार की उस तुलना की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने गैर-मराठी विरोधी हिंसा को पहलगाम आतंकी हमले से जोड़ दिया था। उद्धव बोले, “ये वही सोच है जो मराठी भाषा, संस्कृति और अधिकारों को कुचलने का प्रयास कर रही है।” उन्होंने कहा कि मराठी अधिकारों के लिए लड़ने वालों की तुलना आतंकवादियों से करना शर्मनाक है और यह साबित करता है कि बीजेपी का एक वर्ग महाराष्ट्र के स्वाभिमान के खिलाफ खड़ा है।
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