केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने छात्रों की मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट में गलतियों से बचने के लिए एक नई सूचना जारी की है। बोर्ड ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम और जन्म तिथि को सही तरीके से दर्ज किया जाए। यह कदम भविष्य में छात्रों को प्रवेश और नौकरी में समस्याओं से बचाएगा।
CBSE के नए दिशा-निर्देश
CBSE ने कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के बाद मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट में गलतियों को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी स्कूलों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी (जैसे नाम, जन्म तिथि आदि) को हर स्तर पर सही तरीके से सुरक्षित और सत्यापित किया जाए।
स्कूल रिकॉर्ड में सही जानकारी का महत्व
CBSE ने कहा है कि छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी सभी स्कूल रिकॉर्ड जैसे प्रवेश पत्र, छात्र रजिस्टर और एंट्री-एक्जिट रजिस्टर में सही होनी चाहिए। इसके अलावा, ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी करते समय सभी जानकारी का मिलान और सत्यापन अनिवार्य होगा। यह प्रक्रिया कक्षा 9 से ही शुरू होगी, जिसमें दोनों माता-पिता और स्कूल की पुष्टि शामिल होगी।
सुधार की सुविधा
बोर्ड ने पंजीकरण के बाद और LOC (उम्मीदवारों की सूची) जमा करने से पहले सुधार की सुविधा दी है।
स्कूलों को छात्रों को पंजीकरण कार्ड प्रदान करने होंगे ताकि वे अपनी जानकारी की जांच कर सकें।
इसके बाद, डेटा की पुष्टि माता-पिता से भी की जाएगी।
LOC के बाद भी, बोर्ड सुधार के लिए एक और अवसर (सुधार विंडो) प्रदान करता है।
निर्णय का कारण
CBSE ने पाया है कि कई बार स्कूल अधूरे या गलत दस्तावेज भेजते हैं। कभी-कभी आवश्यक प्रमाणपत्र नहीं दिखाए जाते हैं और कभी-कभी बदले हुए दस्तावेज दिए जाते हैं। इसके कारण सुधार प्रक्रिया में देरी होती है और छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
डबल चेकिंग प्रणाली
छात्र, माता-पिता और प्रधानाचार्य परीक्षा से पहले जारी किए गए प्रवेश पत्र में सभी व्यक्तिगत विवरणों की पुष्टि करेंगे। परिणाम घोषित होने के बाद और प्रमाणपत्र जारी होने के बाद, इस जानकारी की फिर से पुष्टि छात्र, माता-पिता और स्कूल प्रमुख से की जाएगी। इस तरह, बोर्ड ने छात्रों को भविष्य की समस्याओं से बचाने के लिए एक मजबूत प्रणाली बनाई है।