नेपाल में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। सोमवार को सीपीएन-यूएमएल के संसदीय दल के नेता सरोज कुमार यादव को मधेश प्रांत का सीएम बनाए जाने के फैसले के खिलाफ प्रांत के जनकपुरधाम में सीएम ऑफिस में जमकर तोड़फोड़ हुई। लोगों ने सड़कों पर जमकर आगजनी की और विरोध प्रदर्शन किया।
मधेश प्रांत में नए मुख्यमंत्री की बेहद विवादास्पद नियुक्ति के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन से प्रांतीय दलों और नेताओं के बीच गहरे मतभेद पैदा हो गए। प्रांतीय प्रमुख सुमित्रा सुबेदी भंडारी ने शुक्रवार की सुबह को अचानक यूएमएल संसदीय दल के नेता सरोज कुमार यादव को नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिला दी। महोत्तरी के बर्दीबास नगर पालिका-3 स्थित होटल पनास में शपथ ग्रहण समारोह हुआ, जो आधिकारिक प्रांतीय मुख्यालय से दूर है। इसके बाद ही बवाल शुरू हो गया।
बता दें कि एलएसपी नेता जितेंद्र सोनल को अनुच्छेद 168 (2) के तहत नियुक्त किया गया था, लेकिन वह 8 नवंबर (कार्तिक 22) को विश्वास मत हासिल करने में विफल रहे। ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 168 (3) के तहत सरोज कुमार यादव की नियुक्ति की गई। वहीं, सरोज कुमार यादव की नियुक्ति की खबर सामने आते ही नेपाली कांग्रेस (एनसी), जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी), और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी (लोस्पा) के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ करने के साथ टायर जलाए और सड़कें जाम कर दीं।
गुस्साए लोगों ने नवनियुक्त मुख्यमंत्री को जनकपुर स्थित प्रांतीय मुख्यालय मधेश भवन में प्रवेश करने से रोकने का भी प्रयास किया। हिंसक विरोध के चश्मदीदों ने बताया कि इस तोड़फोड़ में सीधे तौर पर विधायक भी शामिल थे। नेपाली कांग्रेस के एक प्रांतीय सांसद को मुख्यमंत्री कार्यालय में घुसते, फर्नीचर फेंकते और विरोध में नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज उतारते देखा गया।
कुछ यूएमएल सांसदों ने अचानक हुई इस नियुक्ति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यादव के नामांकन पर पार्टी के भीतर कोई आंतरिक चर्चा नहीं हुई। इससे एक बात तो साफ हो गई कि यूएमएल में आंतरिक कलह चल रहा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें देखा जा सकता है कि एक सरकारी कर्मचारी तोड़फोड़ करने वालों के समूह से आधिकारिक रिकॉर्ड फाइल बचाने की कोशिश कर रहा है और देखते ही देखते भीड़ उस पर भी हमला कर देती है।
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