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भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौता हुआ, क्या फर्क पड़ेगा, जानें इस डिल की प्रमुख बातें

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भारत और ब्रिटेन के बीच मंगलवार को मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन पर समझौता हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के पीएम सर कीर स्टार्मर ने इस समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को एक नया ऐतिहासिक मुकाम देगा। दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस समझौते को ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया, जो व्यापार, निवेश, नवाचार और रोजगार सृजन को गति देने के साथ-साथ दोनों अर्थव्यवस्थाओं को और मजबूती प्रदान करेगा।

भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते और दोहरा योगदान समझौते के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैंः.

- ब्रिटिश बाजार में शून्य शुल्क लागू होने से 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को लाभ होगा।

- भारतीय आयात शुल्क में कटौती की जाएगी, जिससे 90 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क प्रावधान घटेंगे, इनमें से 85 प्रतिशत उत्पादन एक दशक के भीतर पूरी तरह से शुल्क-मुक्त हो जाएंगे।

- शराब की किस्मों- व्हिस्की और जिन पर शुल्क 150 प्रतिशत से घटकर 75 प्रतिशत हो जाएगा और 10 वर्षों के बाद इसे घटाकर 40 प्रतिशत किया जाएगा।

- मोटर वाहन पर शुल्क एक कोटा व्यवस्था के तहत 100 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो जाएगा।

- भारत में कम आयात शुल्क वाली अन्य वस्तुओं में सौंदर्य प्रसाधन, वैमानिकी, भेड़ का मांस, चिकित्सा उपकरण, सामन मछली, बिजली मशीनरी, शीतल पेय, चॉकलेट और बिस्कुट शामिल हैं।

- ब्रिटेन के शुल्क में ढील देने से ब्रिटिश दुकानदारों को कपड़े, जूते और फ्रोजेन झींगे जैसे खाद्य उत्पादों पर सस्ती कीमतें देखने को मिल सकती हैं।

- इस सौदे से लंबी अवधि में भारत-ब्रिटेन के द्विपक्षीय व्यापार में प्रति वर्ष 25.5 अरब पाउंड, ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 4.8 अरब पाउंड और पारिश्रमिक में 2.2 अरब पाउंड की वृद्धि होने की उम्मीद है।

- भारत के व्हिस्की, चिकित्सा उपकरण, उन्नत मशीनरी जैसे कई उत्पादों पर शुल्क कम करने पर सहमत होने से व्यापार में बाधाएं समाप्त होंगी, जिससे ब्रिटेन का निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी हो जाएगा।

- कपड़ा, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते, खेल के सामान एवं खिलौने, रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, वाहन कलपुर्जा एवं इंजन और कार्बनिक रसायन जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए निर्यात के अवसर खुलेंगे।

- सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सेवाओं, वित्तीय सेवाओं, पेशेवर सेवाओं, अन्य व्यावसायिक सेवाओं और शैक्षणिक सेवाओं में व्यापार को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा।

- ब्रिटेन में काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा भुगतान से तीन साल की छूट मिलने से बड़ी राहत मिलेगी।

- द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2030 तक 60 अरब अमेरिकी डॉलर से दोगुना होने का अनुमान है।

- भारत को लगभग 99 प्रतिशत उत्पादों पर शुल्क हटाए जाने से लाभ होगा, जो व्यापार मूल्य का लगभग 100 प्रतिशत कवर करेगा।

- भारत को आईटी/आईटीईएस, वित्तीय, व्यावसायिक और शैक्षणिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में ब्रिटेन की एफटीए प्रतिबद्धता से लाभ होगा।

- अनुबंध पर सेवाएं देने वालों, व्यावसायिक आगंतुक, निवेशक, एक ही कंपनी के भीतर स्थानांतरित व्यक्ति, काम करने के अधिकार वाले स्थानांतरित व्यक्तियों के साझेदार एवं आश्रित बच्चे, योग प्रशिक्षक, संगीतकार और रसोइए जैसे स्वतंत्र पेशेवरों के लिए आवागमन में सहूलियत होगी।

- भारत ने वास्तुकला, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर से संबंधित और दूरसंचार सेवाओं जैसी डिजिटल रूप से वितरित सेवाओं पर महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताएं हासिल की हैं।

- ब्रिटेन में अस्थायी रूप से रहने वाले भारतीय कामगारों और उनके नियोक्ताओं को दोहरा योगदान समझौते के तहत तीन साल की अवधि के लिए ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा अंशदान का भुगतान करने से छूट मिलेगी। इससे भारतीय सेवा प्रदाताओं को महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ होगा और ब्रिटेन में उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

- भारत यह सुनिश्चित करता है कि वस्तुओं और सेवाओं के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए गैर-शुल्क बाधाओं का उचित ध्यान रखा जाए और वे इसके निर्यात पर अनुचित प्रतिबंध न लगाएं।

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