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जातिगत गणना का फैसला 'पीडीए' और 'इंडिया' की जीत, बीजेपी की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगाः अखिलेश यादव

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समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार द्वारा जातिगत गणना कराए जाने के फैसले को पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग) और 'इंडिया' गठबंधन की जीत करार दिया है। उन्होंने कहा कि ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और बीजेपी की नकारात्मक राजनीति का अंतिम। बीजेपी की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा।

इंडिया गठबंधन के प्रमुख घटक दल सपा के प्रमुख ने केंद्र के जातिवार जनगणना के फैसले का जिक्र करते हुए 'एक्स' पर पोस्ट में कहा, ''जाति जनगणना का फ़ैसला 90 प्रतिशत पीडीए की एकजुटता की 100 प्रतिशत जीत है। हम सबके सम्मिलित दबाव से बीजेपी सरकार मजबूरन ये निर्णय लेने को बाध्य हुई है। सामाजिक न्याय की लड़ाई में ये पीडीए की जीत का एक अतिमहत्वपूर्ण चरण है।''

अखिलेश यादव ने कहा, ''बीजेपी सरकार को ये चेतावनी है कि अपनी चुनावी धांधली को जाति जनगणना से दूर रखे। एक ईमानदार जनगणना ही हर जाति को अपनी-अपनी जनसंख्या के अनुपात में अपना वो अधिकार और हक़ दिलवाएगी, जिस पर अब तक वर्चस्ववादी फन मारकर बैठे थे।'' उन्होंने कहा, ''ये अधिकारों के सकारात्मक लोकतांत्रिक आंदोलन का पहला चरण है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नकारात्मक राजनीति का अंतिम। बीजेपी की प्रभुत्ववादी सोच का अंत होकर ही रहेगा। संविधान के आगे मनविधान लंबे समय तक चल भी नहीं सकता है। ये इंडिया की जीत है!''

केंद्र सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में आगामी जनगणना में जातिवार जनगणना को 'पारदर्शी' तरीके से शामिल करने का फैसला किया। राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आगामी अखिल भारतीय जनगणना में जातिवार गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल करना मोदी सरकार का संकल्प है। जनगणना की प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरू होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देर हुई है।

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