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क्या रोज़ाना विटामिन B-12 लेना ज़रूरी है? डॉक्टरों ने बताया क्यों और किसे है ज्यादा जरुरत

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स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार की चर्चा में विटामिन बी-12 (Vitamin B-12) का नाम अक्सर सुना जाता है। लेकिन क्या यह सच में इतना जरूरी है? क्या हर किसी को रोज़ाना इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए? और अगर हां, तो किसे कितना और कैसे लेना चाहिए?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो विटामिन बी-12 एक जरूरी पोषक तत्व है, जो शरीर में कई अहम कार्यों में भाग लेता है — जैसे तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखना, लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण, डीएनए सिंथेसिस और ऊर्जा उत्पादन। इसकी कमी शरीर में कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है।

विटामिन बी-12 क्या है और क्यों जरूरी है?

विटामिन बी-12 एक पानी में घुलनशील विटामिन है, जिसे शरीर खुद नहीं बना सकता। इसे हमें भोजन या सप्लिमेंट्स से लेना पड़ता है। यह मुख्य रूप से नॉन-वेजिटेरियन फूड जैसे मीट, अंडा, मछली, और डेयरी प्रोडक्ट्स में पाया जाता है।

यह विटामिन मस्तिष्क और स्नायु तंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी है। साथ ही यह शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण और थकान से लड़ने में भी मदद करता है।

डॉक्टरों की सलाह: किन्हें ज़्यादा ज़रूरत है विटामिन B-12 की?

न्यूट्रिशन विशेषज्ञ कहती हैं:

“भारत में शाकाहारी आबादी के कारण बी-12 की कमी बहुत आम है। खासतौर पर शुद्ध शाकाहारी, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, और गैस्ट्रिक समस्याओं से पीड़ित लोगों में इसकी आवश्यकता और भी अधिक होती है।”

1. शुद्ध शाकाहारी लोग

बी-12 की प्राकृतिक स्रोत मुख्यतः मांसाहारी खाद्य पदार्थ होते हैं, इसलिए जो लोग पूरी तरह से शाकाहारी हैं उन्हें सप्लिमेंट की आवश्यकता हो सकती है।

2. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं

गर्भावस्था में बी-12 की कमी बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकती है।

3. 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग

उम्र के साथ शरीर की बी-12 को अवशोषित करने की क्षमता घटती है। इससे कमजोरी, थकान और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं।

4. डायजेस्टिव डिसऑर्डर वाले मरीज

जिन्हें गैस्ट्रिक बाईपास, IBS, या सीलिएक डिजीज है, उनमें बी-12 का अवशोषण कम हो सकता है।

रोजाना कितनी मात्रा जरूरी?

राष्ट्रीय पोषण संस्थान (ICMR) के अनुसार:

वयस्क पुरुष और महिलाएं: 2.4 माइक्रोग्राम/दिन

गर्भवती महिलाएं: 2.6 माइक्रोग्राम/दिन

स्तनपान कराने वाली महिलाएं: 2.8 माइक्रोग्राम/दिन

हालांकि, यह मात्रा शरीर की आवश्यकता और जीवनशैली पर निर्भर करती है। किसी भी सप्लिमेंट को शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

विटामिन बी-12 की कमी के लक्षण

यदि आपके शरीर में बी-12 की कमी है, तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें:

लगातार थकान

याददाश्त में कमी

पैरों या हाथों में झनझनाहट

चिड़चिड़ापन या अवसाद

मुँह में छाले

पीली त्वचा

अगर ऐसे लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत जांच करवाना और चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक है।

कैसे शामिल करें डाइट में?

बी-12 पाने के लिए इन खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल किया जा सकता है:

अंडा और दूध

दही और पनीर

मछली और चिकन

फोर्टिफाइड सीरियल्स

न्यूट्रिशनल यीस्ट (शाकाहारी विकल्प)

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