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नकली या असली केसर? अब जानिए घर बैठे इन 5 आसान तरीकों से

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भारत में केसर को न केवल स्वाद और रंग के लिए, बल्कि स्वास्थ्य लाभ के लिए भी बेहद कीमती माना जाता है। खासतौर पर कश्मीरी केसर को दुनिया में बेहतरीन गुणवत्ता वाला माना जाता है। लेकिन जैसे-जैसे इसकी मांग बढ़ी है, बाज़ार में नकली या मिलावटी केसर की भरमार हो गई है।
महंगे दाम पर खरीदा गया नकली केसर न सिर्फ आपकी जेब पर बोझ बनता है, बल्कि आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप असली और नकली केसर में फर्क करना जानें।

यहां हम बता रहे हैं घर बैठे केसर की असलियत जांचने के 5 आसान और भरोसेमंद तरीके, जिन्हें अपनाकर आप मिलावटी प्रोडक्ट से खुद को बचा सकते हैं।

1. पानी में टेस्ट: रंग पर नहीं, वक्त पर ध्यान दें

एक साफ कटोरी में थोड़ा सा गुनगुना पानी लें और उसमें कुछ केसर के रेशे डालें।

अगर केसर असली है, तो यह धीरे-धीरे 10-15 मिनट में रंग छोड़ेगा और रंग सुनहरा पीला या हल्का ऑरेंज होगा।

नकली केसर तुरंत गहरा लाल या केमिकल वाला रंग छोड़ देता है।

याद रखें: असली केसर धीरे-धीरे रंग छोड़ेगा, जबकि नकली केसर तेजी से।

2. सूंघकर पहचानें: असली खुशबू में होती है खासियत

असली केसर की खुशबू थोड़ी तीखी और मिट्टी जैसी होती है, जो नकली या सिंथेटिक केसर में नहीं पाई जाती।

नकली केसर में कृत्रिम सुगंध या खुशबू मिलाई जाती है, जो अक्सर तेज और कृत्रिम होती है।

असली केसर की खुशबू एक जैसी नहीं होती, बल्कि धीरे-धीरे फैलती है।

3. हाथ से मसलने पर पहचान: असली कभी नहीं खोता रंग

थोड़े से केसर को हथेली में लेकर हल्के से मसलें।

अगर रंग हथेली पर फैल गया और रेशे टूटकर बारीक पाउडर बन गए, तो यह नकली हो सकता है।

असली केसर का रंग ज्यादा नहीं छूटता और रेशे जल्दी नहीं टूटते।

4. ज्वलन परीक्षण (Flame Test): जलाने पर जानें सच्चाई

केसर के कुछ धागों को जलाकर देखें।

असली केसर जल्दी नहीं जलता और अगर जलता है तो उसका धुआं हल्का होता है और उसमें प्लास्टिक जैसी गंध नहीं आती।

नकली या मिलावटी केसर में धागों में कृत्रिम रसायन होते हैं, जिससे वो जलते ही प्लास्टिक जैसी गंध छोड़ते हैं।

5. स्ट्रक्चर और कलर देखें: असली दिखने में भी खास होता है

असली केसर के धागे गाढ़े लाल रंग के होते हैं और एक सिरे पर हल्का पीला या नारंगी रंग दिखाई देता है।

हर धागा एक समान नहीं होता — कुछ हल्के, कुछ गहरे रंग के हो सकते हैं।

नकली केसर अक्सर रंग में बहुत चमकदार और एकदम एक जैसे होते हैं, जो कृत्रिम रंग का संकेत है।

एक्सपर्ट टिप:

डायटिशियन और आयुर्वेद विशेषज्ञों की मानें तो असली केसर की थोड़ी मात्रा भी काफी असरदार होती है, जबकि नकली केसर अधिक मात्रा में लेने पर भी कोई लाभ नहीं देता, उल्टा नुकसानदेह हो सकता है।

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