नई दिल्ली: विदेशी संस्थागत निवेशक आईटी शेयरों से पीछा छुड़ाकर एआई स्टॉक्स में निवेश कर रहे हैं। सितंबर तिमाही में उन्होंने इन्फोसिस, टीसीएस, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा जैसे टॉप 10 आईटी शेयरों में से आठ में अपनी हिस्सेदारी कम कर दी। लेकिन घरेलू म्यूचुअल फंड्स ने इन्हें हाथोंहाथ लिया है। घरेलू फंड मैनेजर्स ने उन्होंने सितंबर तिमाही में नौ आईटी शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने परसिसटेंट सिस्टम्स में अपनी हिस्सेदारी 2.95% घटाकर 21.24% कर दी जबकि म्यूचुअल फंड्स ने इसे 1.38% बढ़ाकर 23.71% कर दिया। इसी तरह टेक महिंद्रा में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2.68% गिरकर 20.60% रह गई, वहीं म्यूचुअल फंड्स ने इसे 1.05% बढ़ाकर 17.56% कर लिया। कोफोर्ज में विदेशी निवेशकों ने सितंबर तिमाही में सबसे ज्यादा बिकवाली की। जून 2025 को समाप्त तिमाही में उनकी हिस्सेदारी 2.79% घटकर 37.42% रह गई जबकि म्यूचुअल फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी लगभग 1% बढ़ाकर 37.90% कर ली।
किसमें कितनी हिस्सेदारी
देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी 1.84% घटाकर 30.08% कर दी, जबकि म्यूचुअल फंड्स ने इसे 1.87% बढ़ाकर 22.73% कर लिया। देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनी टीसीएस में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 1.15% गिरकर 10.33% रह गई है जबकि म्यूचुअल फंड्स ने इसे 0.46% बढ़ाकर 5.59% कर लिया। एचसीएल टेक्नोलॉजीज में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 1.92% घटकर 16.64% रह गई। वहीं, म्यूचुअल फंड्स ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 0.76% बढ़ाकर 9.20% कर दी।
एमफेसिस में भी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने हिस्सेदारी 0.47% घटाकर 18.52% कर दी जबकि म्यूचुअल फंड्स ने इसे 0.13% बढ़ाकर 24.41% कर लिया। केवल एलटीआईमाइंडट्री में घरेलू फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी 0.27% घटाकर 5.11% कर ली। इसमें विदेशी निवेशकों ने भी अपनी हिस्सेदारी 0.22% कम करके 6.40% कर दी। विप्रो में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी 0.29% बढ़ाकर 8.45% कर दी हो गई। हालांकि म्यूचुअल फंड्स ने भी 0.06% बढ़ाकर 4.35% हिस्सेदारी ली। ओरेकल फाइनेंशियल सर्विसेज सॉफ्टवेयर एकमात्र ऐसी कंपनी रही जिनमें विदेशी निवेशकों और घरेलू फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी 0.11% बढ़ाकर 8.66% कर दी । म्यूचुअल फंड्स ने भी अपनी हिस्सेदारी 0.12% बढ़ाकर 5.69% कर ली।
आईटी शेयरों में गिरावट
म्यूचुअल फंड्स ने आईटी शेयरों में ऐसे समय खरीदारी की जब उनमें भारी गिरावट आई। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक एचसीएल टेक, इन्फोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसे स्टॉक्स में कम से कम 20% की गिरावट आई है। आईटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस अपने उच्चतम स्तर से 33% तक गिर चुकी है। ज्यादातर IT कंपनियां अभी भी बियर-मार्केट में फंसी हुई हैं।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने परसिसटेंट सिस्टम्स में अपनी हिस्सेदारी 2.95% घटाकर 21.24% कर दी जबकि म्यूचुअल फंड्स ने इसे 1.38% बढ़ाकर 23.71% कर दिया। इसी तरह टेक महिंद्रा में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2.68% गिरकर 20.60% रह गई, वहीं म्यूचुअल फंड्स ने इसे 1.05% बढ़ाकर 17.56% कर लिया। कोफोर्ज में विदेशी निवेशकों ने सितंबर तिमाही में सबसे ज्यादा बिकवाली की। जून 2025 को समाप्त तिमाही में उनकी हिस्सेदारी 2.79% घटकर 37.42% रह गई जबकि म्यूचुअल फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी लगभग 1% बढ़ाकर 37.90% कर ली।
किसमें कितनी हिस्सेदारी
देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी 1.84% घटाकर 30.08% कर दी, जबकि म्यूचुअल फंड्स ने इसे 1.87% बढ़ाकर 22.73% कर लिया। देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनी टीसीएस में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 1.15% गिरकर 10.33% रह गई है जबकि म्यूचुअल फंड्स ने इसे 0.46% बढ़ाकर 5.59% कर लिया। एचसीएल टेक्नोलॉजीज में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 1.92% घटकर 16.64% रह गई। वहीं, म्यूचुअल फंड्स ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 0.76% बढ़ाकर 9.20% कर दी।
एमफेसिस में भी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने हिस्सेदारी 0.47% घटाकर 18.52% कर दी जबकि म्यूचुअल फंड्स ने इसे 0.13% बढ़ाकर 24.41% कर लिया। केवल एलटीआईमाइंडट्री में घरेलू फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी 0.27% घटाकर 5.11% कर ली। इसमें विदेशी निवेशकों ने भी अपनी हिस्सेदारी 0.22% कम करके 6.40% कर दी। विप्रो में विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी 0.29% बढ़ाकर 8.45% कर दी हो गई। हालांकि म्यूचुअल फंड्स ने भी 0.06% बढ़ाकर 4.35% हिस्सेदारी ली। ओरेकल फाइनेंशियल सर्विसेज सॉफ्टवेयर एकमात्र ऐसी कंपनी रही जिनमें विदेशी निवेशकों और घरेलू फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी 0.11% बढ़ाकर 8.66% कर दी । म्यूचुअल फंड्स ने भी अपनी हिस्सेदारी 0.12% बढ़ाकर 5.69% कर ली।
आईटी शेयरों में गिरावट
म्यूचुअल फंड्स ने आईटी शेयरों में ऐसे समय खरीदारी की जब उनमें भारी गिरावट आई। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक एचसीएल टेक, इन्फोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसे स्टॉक्स में कम से कम 20% की गिरावट आई है। आईटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस अपने उच्चतम स्तर से 33% तक गिर चुकी है। ज्यादातर IT कंपनियां अभी भी बियर-मार्केट में फंसी हुई हैं।
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