अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री आजम खान जेल से रिहा हो गए हैं। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मंगलवार को आजम खान सीतापुर जेल से रिहा हो गए हैं। आजम खान की रिहाई के बाद तमाम तरह की चर्चाएं चलने लगी है। दावा किया जा रहा है कि आजम खान बहुजन समाजपार्टी का दामन थाम सकते हैं। आजम के बसपा में जाने को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में चल रही है। हालांकि आजम खान ने सियासी अटकलों को लगभग-लगभग खंडन कर दिया है। हालांकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। उधर सपा मुखिया अखिलेश यादव जल्द ही आजम खान से मिलने रामपुर जाने वाले हैं।
सपा नेता आजम खान की रिहाई के बाद से सपा ने तुरंत सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के आजम खान से मिलने रामपुर जाने की पुष्टि भी हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने बताया कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 8 अक्टूबर को रामपुर में आज़म खान से मुलाक़ात करेंगे। उधर राजनीतिक गलियारों में यह मुलाक़ात राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि अगले ही दिन 9 अक्टूबर को लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती की बड़ी रैली होने वाली है।
राजनीतिक गलियारों में इसे सपा की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, ताकि आज़म खान और उनके समर्थकों को पार्टी से और मजबूती से जोड़ा जा सके। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव आजम खान और उनके परिजनों से भी मुलाक़ात करेंगे। यह मुलाक़ात न केवल व्यक्तिगत रिश्तों को मजबूत करने के लिए है, बल्कि राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने की दिशा में भी अहम मानी जा रही है। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सपा की यह सक्रियता आजम खान को लेकर चल रही अटकलों को विराम देने और मुस्लिम वोट बैंक को साधे रखने की कोशिश है।
बताते चले कि कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस 9 अक्टूबर पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती लखनऊ में एक बड़ी रैली करने जा रही है। इस रैली के जरिये मायावती आगामी विधानसभा चुनाव का बिगुल भी फूंक देगी। साथ ही कई बड़े नेता बसपा का दामन भी थाम सकते हैं। ऐसे में आजम खान के जेल से रिहा होने के बाद उनके बसपा में जाने की चर्चा चलने लगी है। दावा किया जा रहा है कि आजम खान का परिवार सपा मुखिया अखिलेश यादव से नाराज है। हालांकि इस बात पर आजम खान ने कभी भी जिक्र नहीं किया है। वहीं मायावती की रैली से ठीक पहले अखिलेश यादव का रामपुर जाना इस बात का संकेत देता है कि सपा किसी भी सूरत में आजम खान के प्रभाव क्षेत्र में सेंध नहीं लगने देना चाहती।
वहीं रिहाई के बाद आजम खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव के सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया है। हालांकि यूपी की राजनीति में यह मुलाक़ात सिर्फ शिष्टाचार नहीं बल्कि आने वाले महीनों में सपा की रणनीति को आकार देने वाला कदम माना जा रहा है। उधर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यूपी की राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। जब सत्ता के लिए अखिलेश यादव और मायावती साथ आ सकते हैं तो अगर आजम खान मायावती के साथ अगर जाते हैं तो कोई चौकाने वाली बात नहीं है।
सपा नेता आजम खान की रिहाई के बाद से सपा ने तुरंत सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव के आजम खान से मिलने रामपुर जाने की पुष्टि भी हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने बताया कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 8 अक्टूबर को रामपुर में आज़म खान से मुलाक़ात करेंगे। उधर राजनीतिक गलियारों में यह मुलाक़ात राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि अगले ही दिन 9 अक्टूबर को लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती की बड़ी रैली होने वाली है।
राजनीतिक गलियारों में इसे सपा की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है, ताकि आज़म खान और उनके समर्थकों को पार्टी से और मजबूती से जोड़ा जा सके। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव आजम खान और उनके परिजनों से भी मुलाक़ात करेंगे। यह मुलाक़ात न केवल व्यक्तिगत रिश्तों को मजबूत करने के लिए है, बल्कि राजनीतिक समीकरणों को संतुलित करने की दिशा में भी अहम मानी जा रही है। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सपा की यह सक्रियता आजम खान को लेकर चल रही अटकलों को विराम देने और मुस्लिम वोट बैंक को साधे रखने की कोशिश है।
बताते चले कि कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस 9 अक्टूबर पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती लखनऊ में एक बड़ी रैली करने जा रही है। इस रैली के जरिये मायावती आगामी विधानसभा चुनाव का बिगुल भी फूंक देगी। साथ ही कई बड़े नेता बसपा का दामन भी थाम सकते हैं। ऐसे में आजम खान के जेल से रिहा होने के बाद उनके बसपा में जाने की चर्चा चलने लगी है। दावा किया जा रहा है कि आजम खान का परिवार सपा मुखिया अखिलेश यादव से नाराज है। हालांकि इस बात पर आजम खान ने कभी भी जिक्र नहीं किया है। वहीं मायावती की रैली से ठीक पहले अखिलेश यादव का रामपुर जाना इस बात का संकेत देता है कि सपा किसी भी सूरत में आजम खान के प्रभाव क्षेत्र में सेंध नहीं लगने देना चाहती।
वहीं रिहाई के बाद आजम खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव के सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया है। हालांकि यूपी की राजनीति में यह मुलाक़ात सिर्फ शिष्टाचार नहीं बल्कि आने वाले महीनों में सपा की रणनीति को आकार देने वाला कदम माना जा रहा है। उधर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यूपी की राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। जब सत्ता के लिए अखिलेश यादव और मायावती साथ आ सकते हैं तो अगर आजम खान मायावती के साथ अगर जाते हैं तो कोई चौकाने वाली बात नहीं है।
You may also like
लो वोल्टेज से पंप कैनाल ठप, किसानों ने बिजली सब स्टेशन पर किया प्रदर्शन
आज का वृश्चिक राशिफल, 26 सितंबर 2025 : आपकी मेहनत रंग लाएगी, खानपान पर ध्यान दें
मॉर्निंग की ताजा खबर, 26 सितंबर: भारत-पाकिस्तान के बीच होगा फाइनल मैच, शाहरुख खान के खिलाफ केस, वसुंधरा राजे की चर्चा...पढ़ें अपडेट्स
Bihar Election 2025 : 'तेजस्वी स्वयंभू नेता, कांग्रेस तो मानती भी नहीं', राहुल की पुरानी चुप्पी और फिर नया दांव
आज का तुला राशिफल, 26 सितंबर 2025 : करियर में उन्नति के अवसर हैं, सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा