उपेंद्र द्विवेदी, महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के विस्फोटक व्यापारी की सनसनीखेज हत्याकांड के मामले में जेल में बंद आरोपी महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार को कुछ शर्तों के साथ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। जहां शीर्ष अदालत ने मणिलाल पाटीदार को पासपोर्ट जमा कराने के आदेश दिए हैं और साथ ही उस जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया, जहां यह अपराध हुआ है। ट्रायल में आवश्यक होने पर ही वहां जाने की अनुमति मिलेगी। विस्फोटक व्यापारी ने मरने से पहले तत्कालीन एसपी और पुलिसकर्मियों पर रंगदारी मांगने और उत्पीड़न करने का गंभीर आरोप लगाया था।
देश की सबसे बड़ी पत्थर उद्योग नगरी कबरई के पत्थर और विस्फोटक व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर 2020 को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर 6 लाख रूपये प्रतिमाह रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए वीडियो इंटरनेट पर वायरल किया था। जहां वायरल वीडियो में रिश्वत की मांग ना पूरी करने पर एसपी द्वारा जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप भी लगाया गया था।
13 सितंबर को हो गई थी व्यापारी की मौत
8 सितंबर को व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी गाड़ी में गोली से घायल अवस्था में मिले, जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां हालत नाजुक होने पर मेडिकल कॉलेज कानपुर रेफर किया गया। कानपुर में 13 सितंबर को उपचार के दौरान व्यापारी की मौत हो गई। आरोप के बाद घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और चर्चाओं का दौर तेज हो गया।
भाई ने कराया था केस दर्ज
मृतक व्यापारी के भाई रविकांत त्रिपाठी द्वारा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार, कबरई थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला, व्यापारी ब्रह्मदत्त और सुरेश सोनी के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया गया। जिसके बाद मणिलाल पाटीदार रहस्यमयढंग से गायब हो गया, जिसकी खोजबीन के लिए कई टीमें लगाई गईं, जो कि लगभग दो साल तक उसका कोई सुराग नहीं लगा पाईं थी।
कई पर गिरी जांच की गाज
मणिलाल पाटीदार के फरार होने के बाद जांच के लिए गठित एसआईटी टीम ने सिपाही अरुण यादव की मामले में संलिप्तता पाई गई, जांच में आय से अधिक संपत्ति का मामला भी उजागर हुआ । जहां सिपाही करोड़पति निकला।
एसआईटी ने जांच के आधार पर करोड़पति सिपाही को भी मामले में शामिल किया। बाद में विभागीय जांच में 8 इंस्पेक्टर और पांच दरोगाओं पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की कार्रवाई की गई। जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा रहा है।
दो साल तक पाटीदार का नहीं लगा सुराग
मणिलाल पाटीदार अपने शातिर दिमाग से लगभग दो साल तक पुलिस को छकाता रहा। राजस्थान समेत अन्य राज्यों में पुलिस चक्कर काटती रही। बाद में विभाग के द्वारा पाटीदार पर एक लाख रूपये का इनाम भी घोषित कर दिया। 2022 में पाटीदार ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) कोर्ट में सरेंडर किया।
इसी बीच दो सितंबर 2022 को सरकार के आदेश पर उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। पाटीदार ने हाई कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर जमानत मांगी थी।
देश की सबसे बड़ी पत्थर उद्योग नगरी कबरई के पत्थर और विस्फोटक व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर 2020 को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार पर 6 लाख रूपये प्रतिमाह रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए वीडियो इंटरनेट पर वायरल किया था। जहां वायरल वीडियो में रिश्वत की मांग ना पूरी करने पर एसपी द्वारा जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप भी लगाया गया था।
13 सितंबर को हो गई थी व्यापारी की मौत
8 सितंबर को व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी गाड़ी में गोली से घायल अवस्था में मिले, जिन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां हालत नाजुक होने पर मेडिकल कॉलेज कानपुर रेफर किया गया। कानपुर में 13 सितंबर को उपचार के दौरान व्यापारी की मौत हो गई। आरोप के बाद घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और चर्चाओं का दौर तेज हो गया।
भाई ने कराया था केस दर्ज
मृतक व्यापारी के भाई रविकांत त्रिपाठी द्वारा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार, कबरई थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला, व्यापारी ब्रह्मदत्त और सुरेश सोनी के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया गया। जिसके बाद मणिलाल पाटीदार रहस्यमयढंग से गायब हो गया, जिसकी खोजबीन के लिए कई टीमें लगाई गईं, जो कि लगभग दो साल तक उसका कोई सुराग नहीं लगा पाईं थी।
कई पर गिरी जांच की गाज
मणिलाल पाटीदार के फरार होने के बाद जांच के लिए गठित एसआईटी टीम ने सिपाही अरुण यादव की मामले में संलिप्तता पाई गई, जांच में आय से अधिक संपत्ति का मामला भी उजागर हुआ । जहां सिपाही करोड़पति निकला।
एसआईटी ने जांच के आधार पर करोड़पति सिपाही को भी मामले में शामिल किया। बाद में विभागीय जांच में 8 इंस्पेक्टर और पांच दरोगाओं पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की कार्रवाई की गई। जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा रहा है।
दो साल तक पाटीदार का नहीं लगा सुराग
मणिलाल पाटीदार अपने शातिर दिमाग से लगभग दो साल तक पुलिस को छकाता रहा। राजस्थान समेत अन्य राज्यों में पुलिस चक्कर काटती रही। बाद में विभाग के द्वारा पाटीदार पर एक लाख रूपये का इनाम भी घोषित कर दिया। 2022 में पाटीदार ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) कोर्ट में सरेंडर किया।
इसी बीच दो सितंबर 2022 को सरकार के आदेश पर उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। पाटीदार ने हाई कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर जमानत मांगी थी।
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